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Saturday, May 17, 2025

उस्ताद अबीर हुसैन और पंडित मिथिलेश झा की जुगलबंदी से संगीतमय हुआ एसजीआरआरयू


देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एस. जी. आर. आर. यू.)में स्पीक मेके द्वारा भारतीय शास्त्रीय श्रृंखला उत्तराखंड के तहत प्रसिद्ध सितार वादक उस्ताद अबीर हुसैन और तबला वादक पंडित मिथिलेश झा की जुगलबंदी पर आधारित संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्पीक मेके द्वारा विभिन्न भारतीय शास्त्रीय श्रृंखलाओं को संरक्षित और प्रचारित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी श्रृंखला में शनिवार को श्री गुरु राम विश्वविद्यालय में संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने कार्यक्रम के आयोजकों को शुभकामनाएँ प्रेषित की।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ कुमुद सकलानी , कुलसचिव डॉ लोकेश गंभीर, आई आई सी के निदेशक प्रो डॉ द्वारिका प्रसाद मैथानी, कार्यक्रम की संयोजक प्रो डॉ पूजा जैन व छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो डॉ मालविका कांडपाल के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो डॉ कुमुद सकलानी ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत भारत की समृद्धि सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग है। यह केवल मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि ध्यान, आध्यात्मिकता और मानसिक शांति प्रदान करने का भी एक माध्यम है। उन्होंने विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित कई कार्यक्रम आयोजित कराए जाने की भी बात की।

कार्यक्रम का निर्देशन आईआईसी के निदेशक प्रो डॉक्टर द्वारिका प्रसाद मैथानी ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही एक समृद्ध और व्यापक प्रणाली है जो वेदों ,उपनिषदों, दर्शन, आयुर्वेद, योग, ज्योतिष ,संगीत, कला ,शिल्प, गणित और विज्ञान सहित विभिन्न विषयों को समाहित करती है। इसका व्यावहारिक जीवन, शिक्षा और आध्यात्मिकता में भी गहरा प्रभाव देखा जा सकता है।

कार्यक्रम में उस्ताद अबिर हुसैन और पंडित मिथिलेश झा ने ध्रुतलय पर अपने अनूठे कौशल और संगीत की गहराई से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का समापन डॉ प्रो पूजा जैन द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव से किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षकों के साथ सैकड़ो छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।



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