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Sunday, October 13, 2024

चमोली दुर्घटना: घायल ने रूह कंपाने वाले दिन की कहानी बताई, जब उसने शवों के ऊपर से कूदकर आंख खोली तो अस्पताल में था।

चमोली जिले में स्थित नमामि गंगे परियोजना के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में अचानक करंट दौड़ा। उसने महसूस किया कि मौत उसे अपनी ओर खींच रही है। मैं अपने हाथों, पीठ और होंठों पर छाले डालने लगा। वह वहीं गिर रहा था। मैंने एक के बाद एक शव रास्ते पर पड़े देखकर कुछ नहीं समझा।

बिना रेलिंग को छुए, मैं शवों के ऊपर से नीचे झाड़ियों में कूद पड़ा। मैं जिला अस्पताल में होश आया था। यह चमोली निवासी महिंद्रा शोरूम मैनेजर धीरेंद्र रावत ने बताया, जो एक दुर्घटना में गंभीर घायल हुआ था। करंट दुर्घटना में घायल लोगों को ऋषिकेश एम्स में उपचार के बाद घर भेजा गया है।

किंतु दुर्घटना के शिकार लोग आज भी उस दिन को याद करके रोते हैं। धीरेन्द्र रावत ने एम्स में उपचार के दो दिन बाद घर लौटने पर अपनी आपबीती बताई। धीरेन्द्र ने बताया कि गणेश का शव प्लांट के प्लेटफार्म पर पड़ा था और उसके आसपास लोग बैठकर रो रहे थे।

पुलिस अधिकारी, जल संस्थान के जेई समेत अन्य लोगों के साथ वह भी मौके पर ही खड़े थे कि अचानक तेज करंट परिसर में फैल गया।

मैं सीमेंट के पिलर के पास खड़ा था। ऊंची रेलिंग के कारण प्लांट छलांग भी नहीं लगा सकता था। मैं बार-बार करंट महसूस करता था। रास्ते पर एक के बाद एक शव पड़े देखकर मैंने बिना रेलिंग को छूए नीचे झाड़ियों में कूद दिया। मैं जिला अस्पताल में होश आया था।

करंट हादसे में घायल व्यक्ति अभी भी मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हुए हैं। धीरेंद्र रावत ने कहा कि यह भयानक हादसा अभी भी चर्चा में है।

रात भर सो नहीं रही है। चमोली के पवन राठौर ने बताया कि हर समय उनके सामने हादसे का चित्र दिखाई देता है। नींद नहीं आती।

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