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Tuesday, April 22, 2025

धामी सरकार के 3 साल बेमिसाल,हर वायदे पर खरी उतरी सरकार – चौहान


देहरादून। धामी सरकार ने अपने तीन वर्षों के कार्यकाल में उत्तराखंड के विकास के लिए जो कदम उठाए हैं, वे राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। उनके नेतृत्व में राज्य ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनसे न केवल राज्य की बुनियादी सुविधाओं में सुधार हुआ है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी संरक्षण हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह सरकार विकास, सामाजिक न्याय और राज्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, जो राज्य के उज्जवल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है।

*समान नागरिक संहिता-एक ऐतिहासिक निर्णय*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के वादे के अनुसार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की। यह कदम महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने, सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने और समाज के विभिन्न वर्गों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया। इस पहल को न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में सराहा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस निर्णय की मुक्त कंठ से सराहना की और इसे एक नजीर के रूप में पेश किया।

*भूमि मुक्तिकरण और लैंड जिहाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई*
धामी सरकार ने राज्य की भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ कठोर कदम उठाए। लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 144,500 एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। यह कदम राज्य के प्राकृतिक संसाधनों और भूमि की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी। इसके साथ ही, भू कानून को और भी सख्त किया गया, ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि भूमि का बाहरी व्यक्तियों द्वारा कब्जा न हो सके।

*महिलाओं के लिए आरक्षण और अन्य कल्याणकारी योजनाएं*
धामी सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण लागू किया, जिससे उन्हें सरकारी सेवा में समान अवसर मिले। इसके अलावा, वृद्धावस्था पेंशन योजना, निराश्रित विधवा भरण पोषण अनुदान और दिव्यांग पेंशन योजना की राशि में वृद्धि की गई, जिससे राज्य के वृद्धजन और विकलांग व्यक्तियों को और अधिक सहायता प्राप्त हो सके।

*आर्थिक और रोजगार सृजन के प्रयास*
धामी सरकार ने राज्य के आर्थिक विकास और युवाओं को रोजगार देने के लिए कई योजनाओं को लागू किया। 20,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर प्रदान किया गया। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में भी कई योजनाओं की शुरुआत की गई, जैसे ष्सीएम किसान प्रोत्साहन निधिष्, जिससे किसानों को आर्थिक मदद मिल सके।

*धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण*
धामी सरकार ने राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। चारधाम सर्किट में मंदिरों और गुरुद्वारों का भौतिक ढांचा और परिवहन सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिए श्मानसखण्ड मंदिर माला मिशनश् की शुरुआत की गई। इसके साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क और उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।

*भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस*
धामी सरकार ने भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064 की शुरुआत की गई, ताकि लोग सीधे तौर पर भ्रष्टाचार की सूचना दे सकें और सरकार त्वरित कार्रवाई कर सके। राज्य के वीर सैनिकों के सम्मान में भी वृद्धि की गई है, जिससे उनकी वीरता को उच्च सम्मान दिया गया।

*आधुनिक बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी*
धामी सरकार ने उत्तराखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। मोबाइल नेटवर्क, हाई स्पीड ब्रॉडबैंड, और फाइबर इंटरनेट की सुविधा को गांव-गांव तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। शहरी क्षेत्रों में पार्किंग सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या को हल किया जा सके।

*शिक्षा और युवा कल्याण*
शिक्षा के क्षेत्र में भी धामी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत 241 छात्रों को ₹33 लाख 52 हजार की छात्रवृत्ति दी गई है। इसके अलावा, पीएचडी करने वाले मेधावी छात्रों को प्रतिमाह ₹5000 की छात्रवृत्ति देने की योजना भी बनाई गई है, जिससे राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर को बढावा मिले।

*नकल विरोधी कानून और खेलों का प्रोत्साहन*
धामी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। श्नकल विरोधी कानूनश् को लागू कर राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर किया। साथ ही, खेलों को बढावा देने के लिए खेल पुरस्कार राशि में वृद्धि की गई, जिससे राज्य के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिल सके।

*निष्कलंक और पारदर्शी शासन*
सीएम धामी ने राज्य के शासन में पारदर्शिता और निष्कलंकता को बढ़ावा दिया। सरकारी खर्चों को कम करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन सरकारी भवनों में करने की योजना बनाई गई। इस निर्णय से न केवल सरकारी खजाने की बचत होगी, बल्कि यह कार्यप्रणाली सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाएगी।



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