15.5 C
Dehradun
Tuesday, March 18, 2025

पैराग्लाइडिंग – आसमान की उंचाई नापने के लिए तैयार हैं उत्तराखण्ड के युवा


पर्यटन विभाग दे रहा है युवाओं को पैराग्लाइडिंग का निशुल्क प्रशिक्षण

पुरुषों के साथ उत्तराखण्ड की महिलाएं भी ले रही हैं व्यावसायिक प्रशिक्षण

साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही धामी सरकार

देहरादून। उत्तराखण्ड का पर्यटन अब तक मुख्य तौर पर धार्मिक और सामान्य पर्यटन तक सीमित था, लेकिन अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार इसमें साहसिक पर्यटन के जरिए नए आयाम जोड़ रही है। मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप इसके लिए पर्यटन विभाग 700 से अधिक युवाओं को पैराग्लाइडिंग का निशुल्क कोर्स करवा रहा है।

उत्तराखण्ड में नैनीताल जिले के भीमताल और देहरादून में मालदेवता जैसे कुछ स्थानों पर पैराग्लाइडिंग पर्यटन बढ़ रहा है। नई संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग ना सिर्फ इसके लिए नए स्पॉट तलाश रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं को निशुल्क प्रशिक्षण भी दे रहा है। इस तरह साहसिक पयर्टन में अपने कौशल के जरिए युवा ना सिर्फ अपना रोजगार , स्वरोजगार कमा सकेंगे, बल्कि उत्तराखण्ड में पर्यटन को भी बढ़ावा दे सकेंगे।

इसी क्रम में सरकार की ओर से टिहरी में कुल 15 बैच में युवाओं को बेसिक से लेकर गाइडेड पैराग्लाडिंग के पांच अलग – अलग कोर्स कराए जा रहे हैं। पयर्टन विभाग इसमें प्रशिक्षण, रहने, खाने की सुविधा निशुल्क दे रहा है। विभाग ने प्रथम चरण में 741 युवाओं को प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 124 महिलाएं शामिल हैं।

उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए युवाओं को पैराग्लाइडिंग, वाईट वाटर राफ्टिंग, माउंटेनियरिंग जैसे साहसिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि अगले कुछ सालों में उत्तराखंड के पास इस क्षेत्र में पर्याप्त प्रशिक्षित मानव संसाधन हो, ताकि उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन ना सिर्फ फूले फले बले, बल्कि यह सुरक्षित भी हो।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सफलता की कहानी
01 – उत्तरकाशी जिले में सांकरी के पास सौड़ गांव निवासी संगीता रावत भी चुनिंदा महिला प्रशिक्षणार्थियों में शामिल हैं। संगीता अपने क्षेत्र में एक एडवेंचर टूरिज्म कंपनी चलाती हैं, अब वो पैराग्लाइडिंग के जरिए अपने काम को नई ऊंचाई देना चाहती हैं। संगीता अपनी बैच की अकेली महिला ट्रेनी हैं। अब तक वो सोलो फ्लाई सीख चुकी हैं। अब एडवांस कोर्स के बाद उनका प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा, संगीता इसे शानदार अनुभव करार देती हुई कहती हैं कि इससे उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी।

02 – नैनीताल जिले में भीमताल निवासी भरत जोशी, डिप्लोमा करने के बाद दिल्ली में प्राइवेट जॉब कर रहे हैं। भरत जोशी बताते हैं कि वो वापस अपना घर लौटना चाहते हैं, इसलिए जैसे ही सरकार की तरफ से निशुल्क पैराग्लाइडिंग कोर्स की जानकारी मिली तो उन्होंने, अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया। जोशी बताते हैं कि उनके क्षेत्र में पहले से ही कई लोग इस पेशे में काम कर रहे हैं, प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वो भी वापस भीमताल लौट आएंगे, वो अब तक टिहरी झील के ऊपर कई प्रशिक्षण उड़ानें भर चुके हैं।

03 – सीमांत जिला चमोली के कुनौल गांव निवासी दिनेश सिंह अभी संविदा की नौकरी कर रहे हैं। दिनेश सिंह अब पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित पैराग्लाइडिंग कोर्स का प्रशिक्षण ले रहे हें। दिनेश सिंह मई जून और सितंबर में दो अलग कोर्स पूरा कर चुके हैं, फरवरी तक वो प्रशिक्षण पूरा कर लाइसेंस लेकर व्यावसायिक उड़ान के लिए तैयार हो जाएंगी। दिनेश के साथ उनके गांव के तीन अन्य युवा भी प्रशिक्षण ले रहे हैं। दिनेश बताते हैं कि सरकार रहने खाने से लेकर प्रशिक्षण तक निशुल्क दे रही है। दिनेश सिंह इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त कर रहे हैं।



Source link

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles