देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो दिवसीय सौर कौथिग मेले के प्रथम सत्र में ‘सौर
समृद्ध उत्तराखण्ड’ अभियान का उद्घाटन किया, जो प्रदेश के ऊर्जा परिवर्तन में रूफटॉप सोलर की परिवर्तनकारी संभावना को रेखांकित करता है। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में रूफटॉप सोलर के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों पर प्रकाश डाला, और ऊर्जा सुलभता में सुधार लाने, बचत और स्थानीय रोजगार सृजन जैसी इसकी क्षमताओं का उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने, उत्तराखंड सौर नीति 2023 के तहत, वर्ष 2027 तक 2500 मेगावाट सौर क्षमता स्थापित
करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसमें 1400 मेगावाट क्षमता डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर से आनी है। प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना के तहत रूफटॉप सोलर लगाने में हम इस साल के लक्ष्य से आगे चल रहे हैं। दिसंबर तक हमने लगभग 10500 रूफटॉप सोलर स्थापित कर दिए हैं।” इसके अतिरिक्त उन्होंने ग्रास इनवायरमेंटल प्रोडक्ट और नेट जीरो की दिशा में आगे बढ़ने पर भी जोर दिया। साथ ही प्रथम दिवस में आर मीनाक्षी सुंदरम, ऊर्जा सचिव, उत्तराखण्ड शासन, ने अपने स्वागत अभिभाषण में कहा, “सौर ऊर्जा उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर के लिए प्रचुर मात्रा में संभावनाएं उपलब्ध हैं। हमने सौर ऊर्जा नीति में वितरित सौर ऊर्जा को प्राथमिकता दी है। इसके लिए राज्य स्तर पर केंद्र के अतिरिक्त सब्सिडी भी दे रहे हैं और प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया है। इस योजना को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए सौरसमृद्ध उत्तराखंड अभियान भी शुरू किया है। हमें आशा है कि जन सहयोग से राज्य स्वच्छ ऊर्जा के अपने लक्ष्य को प
सफल हो सकेगा।”
द्वितीय दिवस में 17 दिसम्बर, 2024 को Panel Discussion में रूफ टॉप सोलर से जुड़े अहम मुददों पर चर्चा की गई जिसमें अपर सचिव (ऊर्जा) एवं निदेशक उरेडा रंजना राजगुरू, प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल, मुख्य विकास अधिकारी, उरेडा एवं मुख्य अभियन्ता, सोलर सेल ने द्वारा सम्बन्धित विषयों पर प्रकाश डाला गया।
उत्तराखण्ड सरकार का ऊर्जा विभाग इस अभियान को उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) और उत्तराखण्ड नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूरेडा) के साथ मिलकर संचालित कर रहा है और नॉलेज पार्टनर के रूप में प्रमुख थिंक टैंक काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) इसका समर्थन कर रहा है। इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण मोबाइल सोलर वैन का उद्घाटन था, जो देहरादून और अन्य शहरों में घूमकर रूफटॉप सोलर सिस्टम को दिखाएगी। यह वैन
तकनीक और इसके वित्तपोषण (सब्सिडी व बैंक से लोन इत्यादि) से जुड़े उपभोक्ताओं के सवालों के जवाब देने के साथ-साथ सरल आवेदन प्रक्रिया को भी प्रदर्शित करेगी।
सौर समृद्ध उत्तराखण्ड अभियान का लक्ष्य रूफटॉप सोलर से घरों और व्यवसायों को मिलने वाली सुविधा और बचत को दिखाते हुए इसे मुख्य धारा में लाना है। इस अभियान की टैगलाइन पीएम-सूर्य घर योजना में रूफटॉप सोलर लगाएं, बिजली बिल बच पाएं’ दर्शाती है कि इसमें उपयोगकर्ता-अनुकूल प्रक्रियाओं और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के वित्तीय लाभों के माध्यम से सौर ऊर्जा को अपनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उद्घाटन कार्यक्रम में दो प्रमुख विषयों ‘एक्सिलरेटिंग उत्तराखण्ड्स एनर्जी ट्रांजिशन: अनलॉकिंग द पोटेंशियल ऑफ रूफटॉप सोलर फॉर इकोनॉमिक एंड क्लाइमेट रेजिलियंस” और “ग्रीनिंग द रुरल इकोनॉमी थ्रू सोलराइजेशन” पर पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया। इन चर्चाओं में सामने आए ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ और नीति-निर्मातॉ अपर सचिव ऊर्जा एवं निदेशक उरेडा रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार के विचार सतत आर्थिक विकास के प्रोत्साहन और उत्तराखण्ड की विविध भौगोलिक व ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सौर ऊर्जा की भूमिका पर केंद्रित रहे।
सौर कौथिग नीति निर्माताओं, सोलर डेवलपर्स, निर्माताओं, डिस्कॉम और वित्तीय संस्थानों को एक साथ लाने का काम किया है, ताकि उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा को अपनाने की संपूर्ण जानकारी मिल सके। इसने रूफटॉप सोलर से मिलने वाले विभिन्न लाभोंको रेखांकित किया है, जिसमें इसे लगाने में आसानी, केंद्र व राज्य सरकार की सब्सिडी के साथ-साथ बिजली बिलों पर लंबे समय तक होने वाली बचत शामिल है। इसके अलावा, रूफटॉप सोलर सिस्टम पर म्यूरल आर्ट भी बनाया गया है, ताकि आम लोगों की अक्षय ऊर्जा के बारे में जिज्ञासा को जगाते हुए उन्हें सौर ऊर्जा समाधानों के बारे में गहन खोजबीन करने के लिए प्रोत्साहित जा सके।
सौर समृद्ध उत्तराखण्ड अभियान उत्तराखण्ड की सोलर पॉलिसी 2023 के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य 2027 तक 2,500 मेगावाट क्षमता पाना है, जिसमें डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर सिस्टम से 1,400 मेगावाट क्षमता शामिल है। इस नीति का लक्ष्य रूफटॉप सोलर को राज्य के ऊर्जा परिवर्तन की आधारशिला बनाना है। सीईईडब्ल्यू के अध्ययन के अनुसार, उत्तराखण्ड में आवासीय छतों पर लगभग 1 गीगावाट रूफटॉप सोलर की संभावित क्षमता है, जिसे रूफटॉप सोलर के व्यापक स्वीकरण के माध्यम से जमीन पर उतारना और इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पाने में योगदान देना इस अभियान का लक्ष्य है। दो दिवसीय सौर कौथिग के समापन सत्र में विभिन्न कम्पनीयों के द्वारा देश-प्रदेश में चल रहे सौर ऊर्जा आधारित आधुनिकीकरण के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।
राज्य के प्रथम सौर मेला के समापन पर प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि यूपीसीएल मा० प्रधानमंत्री जी के विजन, वर्ष 2027 तक नेट जीरो के लक्ष्य की प्राप्ति करने हेतु संकल्पित है तथा अवगत कराया गया कि यूपीसीएल ने पी०एम० सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना के अन्तर्गत लक्ष्य के सापेक्ष समय से पूर्व शत-प्रतिशत सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना कर एक कीर्तिमान हासिल किया है। इसके अतिरिक्त प्रबन्ध निदेशक महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि सोलर संयंत्रों की स्थापना Ecological Balance में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। सम्बोधन में यह भी अवगत कराया गया कि उपभोक्ताओं की सोलर सम्बन्धित किसी भी समस्याओं के निराकरण हेतु यूपीसीएल द्वारा देहरादून मुख्यालय में ही कन्ट्रोल रूम बनाया गया है।
अपर सचिव (ऊर्जा) एवं निदेशक उरेडा श्रीमती रंजना राजगुरू जी द्वारा सौर कौथिग मेला के सफल समापन हेतु सम्पूर्ण यूपीसीएल टीम की प्रशंसा की गई तथा अवगत कराया गया कि सौर कौथिग मेला के आयोजन से घर-घर तक लोग सोलर स्कीम के बारे में जागरूक हुये हैं। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा सभी कम्पनीयों (इनके द्वारा मेले में स्टॉल लगाये गये हैं) तथा Financial Institute यथा SBI & Eco Bank इत्यादि का आभार व्यक्त किया गया। आज के कार्यक्रम में धन्यवाद प्रस्ताव अपर सचिव ऊर्जा एवं निदेशक उरेडा रंजना राजगुरु द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार, निदेशक (परिचालन) एम0आर0 आर्या, मुख्य अभियंता सोलर सेल आशीष अरोड़ा तथा मुख्य परियोजना अधिकारी उरेडा मनोज कुमार सहित तीनों निगमों तथा उरेडा के विभिन्न अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। रूफटॉप सोलर लगाने के इच्छुक निवासी www.pmsuryaghar.gov.in. (पीएम सूर्यघर डॉट गॉव डॉट इन पर आवेदन कर सकते हैं। किसी सवाल या सहायता के लिए, 15555 या 1912 पर कॉल भी कर सकते हैं।