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Friday, November 22, 2024

चमोली जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया गया, उन पर पद के अनुरूप आचरण न करने का आरोप लगाया गया था।

चतुर्वेदी पर उनके पद के खिलाफ व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है। 14 अप्रैल 2023 को कारण बताओ नोटिस उन्हें भेजा गया था। गवाही के दौरान डायस नहीं होने का आरोप है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चमोली के जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित कर उन्हें चंपावत जिला न्यायालय में भेज दिया है। चतुर्वेदी पर अपने पद के खिलाफ व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है। 14 अप्रैल 2023 को उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। डायस गवाही में उपस्थित नहीं होने का आरोप है।

रजिस्ट्रार जनरल अनुज कुमार संगल ने हाईकोर्ट से कहा कि धनंजय चतुर्वेदी के कोर्ट में अनुपस्थिति में गवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है। न्यायालय की वीडियो क्लिप रिकॉर्डिंग से यह स्पष्ट था। वह वीडियो रिकार्डिंग किसने की और क्यों की, इसका सही जवाब नहीं दे सका।

इस मामले में शिकायत और साक्ष्य का वीडियो क्लिपिंग भी हाईकोर्ट को भेजा गया था, लेकिन पीठासीन अधिकारी अदालत में नहीं थे। उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन और अपील) नियम 2003 के नियम 7 के तहत, हाईकोर्ट ने धनंजय चतुर्वेदी के खिलाफ आरोपपत्र जारी करके उनके खिलाफ नियमित जांच शुरू की है।

धनंजय चतुर्वेदी अपने निलंबन के दौरान चंपावत जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर रहेंगे। नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। दूसरी ओर, एक और आदेश में रुद्रप्रयाग जिला जज सुमन यादव को नैनीताल के जिला जज के पद पर नियुक्त किया गया है।

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