स्नातक स्तरीय समेत कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी को आयोग ने क्लीन चिट दे दी है। आयोग ने सचिवालय प्रशासन के पत्र का लिखित में जवाब दिया कि किसी भी भर्ती के पेपर लीक में बडोनी की संलिप्तता सामने नहीं आई है।
पुलिस, एसटीएफ और आयोग ने सभी भर्तियों की गहराई से जांच कराने के बाद ये जवाब भेजा है। इसके बावजूद सचिवालय प्रशासन ने दोबारा जवाब मांगा, तो आयोग अब फिर वही जवाब भेजेगा। दरअसल, पिछले साल आयोग की स्नातक स्तरीय, वन दरोगा, सचिवालय रक्षक सहित कई भर्तियों के पेपर लीक हुए थे।
शासन तय ही नहीं कर पाया निलंबन का आधार
मामले में आयोग के सचिव संतोष बडोनी को 13 अगस्त को शासन में अटैच कर दिया था। इसके बाद दो सितंबर को लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया था। नौ माह से अधिक समय बीत गया, लेकिन शासन ये तय ही नहीं कर पाया कि निलंबन किस बात पर किया और आरोपपत्र किस आधार पर दें।
सचिवालय प्रशासन ने आयोग को इसके लिए पत्र भेजा था। आयोग ने बडोनी को क्लीन चिट दे दी है। आयोग के सचिव एसएस रावत का कहना है कि सभी परीक्षाओं की जांच की गई है, लेकिन कहीं भी संतोष बडोनी की संलिप्तता नजर नहीं आई है। लिहाजा, उन्होंने सचिवालय प्रशासन को यही जवाब भेज दिया था।
दोबारा क्लीन चिट का जवाब ही लिखकर भेजेगा आयोग
अब सचिवालय प्रशासन ने दोबारा पत्र भेजा है, जिस पर आयोग दोबारा क्लीन चिट का जवाब ही लिखकर भेजेगा। उधर, सचिव कार्मिक शैलेश बगोली का कहना है कि यह मामला सचिवालय प्रशासन से जुड़ा हुआ है। उन्हें ही चार्जशीट देनी है।
वहीं, सचिव सचिवालय प्रशासन विनोद कुमार सुमन का कहना है कि आयोग को पत्र भेजा गया है। जवाब आने पर उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल क्लीनचिट के बावजूद बडोनी निलंबित हैं।
कौन लटका रहा मामला
यहां सवाल ये भी उठ रहे कि जब बडोनी को आयोग क्लीनचिट दे चुका है, तो यह मामला कौन लटका रहा है। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं, जबकि नियम ये भी है कि निलंबन के तीन माह के भीतर आरोपपत्र न देने पर निलंबन स्वत: समाप्त हो जाता है। बावजूद इसके पूरे प्रकरण में बडोनी निलंबन झेल रहे हैं।