देहरादून। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत आज बागेश्वर के कपकोट प्राथमिक विद्यालय पहुंचे जहां उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा को सम्मानित किया। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब उत्तराखंड में कोई शिक्षा मंत्री किसी स्कूल में जाकर किसी प्रधानाध्यापक को खास उपलब्धि के लिए सम्मानित कर रहे हो, ख्याली दत्त शर्मा जो की कपट प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक है, उनकी कड़ी मेहनत और कड़े जज्बे की वजह से उनके स्कूल के पढ़ाई हुए छात्र सैनिक स्कूल में अपना परचम लहराते हुए हर साल नजर आ रहे हैं,साथ ही जवाहर नवोदय विद्यालय में भी उनके पढ़ाई हुए बच्चों का सिलेक्शन होता आया है,स्कूल की खास बात यह है कि प्राथमिक विद्यालय में जहां आज के समय घटती छात्र संख्या की वजह से बंद हो रहे हैं तो वहीं कपकोट का प्राथमिक विद्यालय ऐसा है जिसमें एडमिशन के लिए बाकायदा छात्रों को टेस्ट देना पड़ता है,यानी कि यूं कहें कपकोट प्राथमिक विद्यालय में अभिभावक अपने बच्चों के एडमिशन के लिए काफी मेहनत भी करवाते हैं। कुल मिलाकर जिन प्राइवेट स्कूलों के पड़े हुए बच्चे सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय में जगह नहीं बना पाते हैं,वही इस सरकारी स्कूल के पढ़े हुए बच्चे प्राइवेट स्कूलों के बच्चों से भी कंपटीशन में कोसों मिल आगे है।
स्कूल के प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा को सम्मानित करने के बाद शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी लिखिए जिसमें उन्होंने कहा है कि एक समर्पित शिक्षक हैं राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय, कपकोट के प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा। सहज, सरल, मिलनसार, और शिक्षा के प्रति जुनूनी शर्मा ने अपने अथक प्रयासों और कुशल प्रशासनिक क्षमताओं के बल पर एक साधारण सरकारी विद्यालय को राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाई है। शर्मा और उनकी टीम ने विद्यालय में ऐसा सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण तैयार किया है, जहां बच्चे न केवल शिक्षित हो रहे हैं, बल्कि जीवन के बड़े सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हो रहे हैं। यही कारण है कि उनके विद्यालय के छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय स्तर के विद्यालयों में आसानी से प्रवेश पा रहे हैं। यहाँ के शतप्रतिशत छात्र सैनिक स्कूल और जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे स्कूलों की प्रवेश परीक्षाओं में हमेशा अव्वल रहते हैं। यह स्कूल प्रदेश में बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा का केंद्र बन चुका है। के.डी. शर्मा का बच्चों के प्रति समर्पण इस बात का प्रमाण है कि वह केवल आज की नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की ठोस नींव रख रहे हैं। वह अपने विद्यार्थियों को उन ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जहां सपने हकीकत में बदलते हैं। “आपके प्रयास सैकड़ों बच्चों के सपनों की उड़ान हैं।”ख्याली दत्त शर्मा और उनकी टीम को साधुवाद।