चंपावत :- मोबाइल का जरूरत से ज्यादा और गैर जरूरी उपयोग हो रहा है। युवा मोबाइल के लती हो रहे हैं। चंपावत में युवा औसतन रोजाना साढ़े पांच घंटे मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह निष्कर्ष एक संस्था हैजालो के है। संस्था ने 13 से 26 वर्ष के 395 युवक-युवतियों के बीच सर्वे के बाद ये आंकड़े जारी किए हैं।
युवाओं के कार्यकौशल के लिए काम करनी वाली संस्था हैजालो का कहना है कि मोबाइल का इस्तेमाल धूम्रपान और मद्यपान की तरह एक नए किस्म की लत के रूप में नजर आ रहा है। युवक एक दिन में पांच घंटे 29 मिनट और युवतियां पांच घंटे 31 मिनट फोन में बिता रहे हैं। रविवार और अवकाश के दिनों में उपयोग छह घंटा तीन मिनट तक हो रहा है। व्हाट्सएप पर 23.30 प्रतिशत, इंस्टाग्राम पर 22.40 और यू ट्यूब पर 20.30 प्रतिशत समय बिताया गया है। मोबाइल पर लगाए जाने वाला यह वक्त पढ़ाई-लिखाई या किसी उपयोगी काम पर हो रहा है या नहीं? इसकी जानकारी सर्वे से नहीं लग सकी है।
21 दिन तक चला सर्वे
चंपावत। हैजालो को योजना बनाने और पूरा करने में करीब एक माह लगा। आंकड़े संग्रह करने का काम 25 फरवरी से 17 मार्च तक चला। है जालो के छात्रों को बेंगलुरु के आंकड़ा विशेषज्ञ नयन महेश ने आंकड़ों की प्रविष्टि और विश्लेषण में प्रशिक्षित किया। संस्था की मुखिया बांबिल रूथ के नेतृत्व में कुल 13 सदस्यों ने यह सर्वे किया। है जालो की छात्रा उर्मिला बोहरा ने बताया कि संस्था ने पहले स्वयं मोबाइल का एक सप्ताह तक उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया। उसके बाद चंपावत में युवाओं के बीच मोबाइल के उपयोग पर शोध करने का फैसला किया।
संस्था के मोबाइल के इस्तेमाल पर लगाए जाने वाले समय के ये आंकड़े चौकाने के साथ बड़े खतरे की ओर इशारा करते हैं। मोबाइल का लगातार और अधिक उपयोग मानसिक और शारीरिक सेहत को क्षति पहुंचा रहा है। आंखों की रोशनी, दिमागी सक्रियता, गर्दन के अलावा बैचेनी, घबराहट जैसे लक्षण आम है। – डॉ. केके अग्रवाल, सीएमओ, चंपावत।