रुद्रपुर। जिले में वाहनों में वीआईपी नंबर लगवाने के लिए लोग लाखों रुपये खर्च रहे हैं। एआरटीओ कार्यालय में वीआईपी नंबर 0001 को लेकर लगी बोली 12.70 लाख रुपये में छूटी है। इस नंबर के लिए पांच वाहन स्वामियों ने आवेदन किया था
लेकिन शहर के एक व्यक्ति ने सबसे अधिक बोली लगाकर इस नंबर को हासिल कर लिया। एआरटीओ का दावा है कि प्रदेश में अब तक के सभी परिवहन कार्यालयों के नंबरों की अपेक्षा यह नंबर सबसे महंगा बिका है।
जुलाई में एआरटीओ कार्यालय में बीजी की नई नंबर सीरीज खुली थी। एक सीरीज में 9,999 वाहनों के नंबर आते हैं।
नई सीरीज खुलते ही कार्यालय में वीआईपी नंबरों की मांग के लिए आवेदन आना शुरू हो गए। इस दौरान 0001 नंबर के लिए पांच वाहन स्वामियों ने आवेदन किया था। सोमवार को नीलामी प्रक्रिया होने के बाद शहर के वैभव छाबड़ा ने 12,70,000 रुपयों में इस नंबर को अर्जित किया।
इसके अलावा, तीन अन्य वीआईपी नंबर भी एक लाख से अधिक कीमत में बिके हैं। कुल मिलाकर 20 वीआईपी नंबर परिवहन कार्यालय में नीलामी प्रक्रिया के तहत ऊंचे दामों में बिके। इससे परिवहन कार्यालय के राजस्व में भारी इजाफा हुआ है।
विभाग के राजस्व के फायदे के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई थी। नीलामी प्रक्रिया के तहत महंगे वाहन नंबर बिकने से परिवहन विभाग के राजस्व को फायदा हुआ है। आगे भी विभाग के राजस्व में इजाफा होगा। – पूजा नयाल, एआरटीओ प्रशासन, संभागीय परिवहन कार्यालय, रुद्रपुर।
रुद्रपुर एआरटीओ कार्यालय में बिके वीआईपी वाहन नंबर
वीआईपी नंबर — वाहन स्वामी का नाम —- नंबर की कीमत
0001 — वैभव छाबड़ा — 12,70,000
0003 — मोहन लाल खेड़ा — 1,91,000
0009 —- नवीन चंद्र वल्लभ — 1,05,000
7777 —- राकेश सिंह — 1,00,000
0002 —- राजीव कटारिया — 92,000
0005 — गुरु मां इंटरप्राईजेज — 63,000
0101 — हेमा देवी — 52000
5555 — श्री अन्नपूर्णा इंडस्ट्रीज — 42,000
ये नंबर भी थे नीलामी में शामिल
0004, 0007,0099, 0999, 0011, 9999, 0022, 0100, 0777, 3333, 7000, 9000