5000 वाहनों को रवाना किया गया जब खचड़ा नाला और कंचन गंगा उफान पर आ गए।
बदरीनाथ हाईवे रविवार को खचड़ा नाला उफनाने और कंचन गंगा में मलबा आने के कारण कई बार खुला और बंद हुआ। आखिरकार रात 9.30 बजे हाईवे को खोल दिया गया। पहले सुबह करीब दो घंटे तक हाईवे अवरुद्ध रहा।
कंचन गंगा में आए मलबे को हटाने के बाद शाम करीब साढ़े छह बजे हाईवे सुचारू होने हुआ। जगह-जगह रोके गए करीब 5000 तीर्थयात्रियों को रवाना किया गया। लेकिन, कुछ ही घंटे बाद हाईवे दोबारा बंद हो गया। इसके बाद मलबा साफ कर हाईवे को रात 9.30 बजे खोला गया।
रोके गए थे 3000 यात्री
बदरीनाथ क्षेत्र में शनिवार को देर रात से शुरू हुई बारिश रविवार को शाम करीब पांच बजे थमी। दोपहर में करीब दो बजे बारिश तेज होने पर लामबगड़ के पास खचड़ा नाला उफान पर आ गया।
जिससे पुलिस की ओर से बदरीनाथ धाम जा रहे करीब 3000 तीर्थयात्रियों के वाहनों को पांडुकेश्वर, गोविंदघाट और जोशीमठ में रोक लिया गया। नाले के दोनों ओर फंसे वाहनों को यहां नवनिर्मित मोटर पुल से निकाला गया। शाम करीब साढ़े चार बजे यहां हाईवे सुचारू हुआ,
इसी दौरान बदरीनाथ धाम से करीब चार किलोमीटर पहले कंचन गंगा में भारी मात्रा में मलबा आने से वाहनों की आवाजाही थम गई। हाईवे अवरुद्ध होने पर बदरीनाथ धाम से लौट रहे करीब 2000 तीर्थयात्रियों के वाहनों को पुलिस ने रोक लिया, जबकि यात्रा वाहनों को पांडुकेश्वर, जोशीमठ और गोविंदघाट में रोका गया।
शाम साढ़े छह बजे कंचन गंगा में मलबा पूरी तरह से हटाने के बाद रोके गए तीर्थयात्रियों को गंतव्य के लिए भेजा गया। पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि भारी बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे खचड़ा नाला और कंचन गंगा में अवरुद्ध हो गया था। हाईवे सुचारु होने के बाद जगह-जगह रोके गए यात्रा वाहनों को गंतव्य के लिए भेज दिया गया है।
बीआरओ ने वाहनों की आवाजाही के लिए खोले पुल
बदरीनाथ हाईवे पर खचड़ा नाले में बीआरओ की ओर से मोटर पुल का निर्माण कर दिया गया है, लेकिन अभी तक इसे वाहनों की आवाजाही के लिए नहीं खोला गया था। रविवार को खचड़ा नाले के उफान पर आने के बाद यहां हाईवे बंद हो गया था, तब यहां फंसे यात्रा वाहनों को निर्माणाधीन पुल से गंतव्य को भेजा गया। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने कहा कि बरसात में खचड़ा नाला उफान पर आ जाता है, जिससे यहां तीर्थयात्रा बाधित हो जाती है। जल्द ही पुल को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाए। जिससे यात्रियों को कोई दिक्कत न हो।
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