प्रदेश में जल्द ही हिमस्खलन होने से पहले ही इसके संकेत मिल जाएंगे। इसके लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 74 वेदर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इस काम का जिम्मा रक्षा भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) चडीगढ़ को सौंपा गया है। इसका खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।
जलवायु परिवर्तन के चलते बीते कुछ सालों के में उत्तराखंड में हिमस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं। यह बेहद खतरनाक पैटर्न है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में बड़ी चिंता की वजह बना हुआ है। बीते वर्ष अक्तूबर में उत्तरकाशी जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 29 प्रशिक्षु पर्वतारोही डोकराणी बामक ग्लेशियर में हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे।
घटनाओं में कई बार हुई जान-माल की हानि
इनमें से 27 की मौत हो गई थी। हालांकि प्रदेश में हिमस्खलन के कारण मौतों की यह पहली घटना नहीं थी, इससे पहले भी इस तरह की घटनाओं में कई बार जान-माल की हानि हुई है। लेकिन इस घटना से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा प्रबधंन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) को इस दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे।
इनमें से 27 की मौत हो गई थी। हालांकि प्रदेश में हिमस्खलन के कारण मौतों की यह पहली घटना नहीं थी, इससे पहले भी इस तरह की घटनाओं में कई बार जान-माल की हानि हुई है। लेकिन इस घटना से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा प्रबधंन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) को इस दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे।