देहरादून। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से देश भर से कुछ ऐसे पुलिस कर्मियों को चुना गया है जिन्होंने जांच में काफी शानदार प्रदर्शन किया है। इन्हें अब मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा।
इसी क्रम में उत्तराखंड पुलिस की आईपीएस अधिकारी डॉक्टर विशाखा अशोक भदाणे को एक्सिलेंस इन्वेस्टिगेशन के लिए चुना गया है। डॉक्टर विशाखा वर्तमान में देहरादून की एसपी क्राइम के पद पर तैनात हैं। इस उपलब्धि के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी,डीजीपी अशोक कुमार ने उन्हें शुभकामनायें दी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 से इसकी शुरुआत की थी जिसका मकसद किसी अपराध की जांच के लिए पुलिस कर्मियों को बढ़ावा देना है और जांच में निभाई गई उनकी अहम भूमिका को पहचानना है। उत्कृष्टता के इस पुरस्कार के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से इसका ऐलान हर साल 12 अगस्त को किया जाता है।
इस मामले की हुई थी निष्पक्ष जाँच
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डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने हरिद्वार के ऋषिकुल मौहल्ले में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने का न सिर्फ खुलासा कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया, बल्कि अभियुक्त को उसके इस कृत्य के लिए मृत्युदंड की सजा भी दिलायी।
20 दिसम्बर 2020 को हरिद्वार के ऋषिकुल मौहल्ले में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गयी थी। इस प्रकरण की विवेचना कर रही सहायक पुलिस अधीक्षक, नगर हरिद्वार के पद पर तैनात डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने इस अभियोग से संबंधित मुख्य अभियुक्त रामतीर्थ को उसी दिन तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और अभियुक्त के घर की दूसरी मंजिल से लापता बच्ची का शव बरामद किया। पूछताछ में उसके द्वारा कबूल किया गया कि उसने राजीव के साथ मिलकर ऋषिता के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर शव को दूसरी मंजिल पर छिपाकर रख दिया था।
मृतक का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में डॉक्टरों के पैनलों द्वारा कराया गया तथा मृतका के विभिन्न नमूने एकत्र किए गए और राम तीरथ की चिकित्सा के दौरान नमूने एकत्र कर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गए। दिनांक 26-12-20 को इस घटना के अभियुक्त राजीव कुमार की सहायता करने में उसके भाई, गंभीर चंद उर्फ गौरव को धारा 212 के तहत गिरफ्तार किया गया तथा दिनांक 28-12-20 को अभियुक्त को सुलतानपुर यूपी से गिरफ्तार गया गया। अभियुक्त की चिकित्सा जांच कर उसके नमूने एकत्र कर जांच हेतु एफएसएल भेजे गये।
डॉ. विशाखा अशोक भदाणे द्वारा एकत्र किये गये साक्ष्यों एवं समय पर प्रस्तुत किये गये गवाहों के अधार पर माननीय न्यायालय के विशेष न्यायाधीश, पोक्सो जिला हरिद्वार ने आरोपी रामतीर्थ को 363/366ए/376(ए)(बी)/377/302/201 आईपीसी और पोक्सो एक्ट के तहत मृत्युदंड एवं अर्थदंड से दंडित किया तथा अभियुक्त राजीव कुमार को साक्ष्य छिपाने के मामले में पाँच वर्ष की सजा एवं अर्थदंड से दण्डित किया गया।