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Friday, December 27, 2024

Dehradun: भारतीय सेना को मिलेगी अफसरों की नई टोली,देश की सुरक्षा के लिए तैयार 332 युवा सैन्य अधिकारी

भारतीय सेना को इस शनिवार 332 युवा अफसरों की टोली मिल जाएगी। इसके अलावा सात मित्र देशों के 42 कैडेट भी आइएमए से कड़ा प्रशिक्षण लेकर अपनी-अपनी सेना का हिस्सा बनेंगे। मुख्य परेड से पहले अकादमी में कमांडेंट परेड का आयोजन किया गया।

देहरादून, देश के भावी सैन्य अफसर सरहद की निगहबानी को तैयार हैं। आइएमए गीत की धुन पर उन्होंने शानदार परेड का प्रदर्शन किया। परेड में सधे हुए कदम और शानदार ड्रिल ने जेंटलमैन कैडेट के आइएमए में लिए प्रशिक्षण को सार्थक साबित किया। आइएमए कमांडेंट ले. जनरल विजय कुमार मिश्रा ने परेड की सलामी ली।

भारतीय सेना को इस शनिवार 332 युवा अफसरों की टोली मिल जाएगी। इसके अलावा सात मित्र देशों के 42 कैडेट भी आइएमए से कड़ा प्रशिक्षण लेकर अपनी-अपनी सेना का हिस्सा बनेंगे। मुख्य परेड से पहले अकादमी में कमांडेंट परेड का आयोजन किया गया। कमांडेंट ने कहा कि नेतृत्व अधिकार नहीं, बल्कि उत्तरदायित्व है। आपका हर कार्य और निर्णय आपके अधीन लोग को प्रभावित करेगा।

उन्होंने कहा कि एक सैन्य अफसर की अपने हरेक जवान के प्रति जिम्मेदारी बनती है। एक अधिकारी के रूप में आपको अपने इरादे और कार्यों की सत्यता व पवित्रता के आधार पर उनका सम्मान और विश्वास अर्जित करना होगा। उनके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करें। ऐसे उदाहरण स्थापित करें कि वे गर्व से आपकी ओर देखें। सैन्य जीवन में आने वाली चुनौतियों को पार करने की सीख भी कमांडेंट ने दी।

उन्होंने कहा कि जितना आप सोचते हैं, उससे कहीं अधिक बार आपके नैतिक साहस की परीक्षा होगी। जैसे-जैसे आप जीवन में आगे बढ़ेंगे, वैसे-वैसे कई भटकाव, प्रलोभन आएंगे, लेकिन मजबूत चरित्र वाला एक सच्चा नेता हमेशा धैर्य दिखाएगा और सही रास्ते पर डटा रहेगा।

उन्होंने कहा कि अकादमी में उच्चतम दक्षता के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से कठिन कार्यों को पूरा करने का प्रशिक्षण दिया गया है। मुझे विश्वास है कि आप हर मोर्चे पर डटकर नेतृत्व करेंगे। साथ ही अपना मानवीय पक्ष भी मजबूत रखेंगे। विदेशी कैडेटों को उन्होंने प्रशिक्षण में सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए बधाई दी। कमांडेंट ने कहा कि यहां न केवल उन्होंने जीवनभर के लिए दोस्त बनाए हैं, बल्कि अपने देश का भी बहुत अच्छे ढंग से प्रतिनिधित्व किया।

अवार्ड सेरेमनी

भारतीय सैन्य अकादमी में कड़ा सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर सेना में अधिकारी बनने से महज कुछ कदम दूर जेंटलमैन कैडेट को उनकी काबिलियत का इनाम दिया जाता है। अभी तक प्री-पीओपी अवार्ड सेरेमनी में यह पुरस्कार प्रदान किए जाते थे। जिसमें कैडेट को व्यक्तिगत व सामूहिक उत्कृष्टता के लिए मेडल, रोलिग ट्राफी व बैनर से नवाजा जाता था, पर अब यह आयोजन को सूक्ष्म कर दिया गया है। इसे अलग दिन करने के बजाए कमांडेंट परेड वाले कार्यक्रम में समाहित कर दिया गया है। कमांडेंट ने परेड के बाद कुछ कैडेट को पुरस्कार प्रदान किए। इससे अलावा आइएमए पासिंग आउट में घोड़ा बग्घी की सालों पुरानी परंपरा को भी बंद कर दिया गया है। घोड़ा बग्घी मुख्य व विशिष्ट अतिथि को परेड मैदान तक लाने के लिए उपयोग की जाती थी, पर अब यह लोग काम में आएंगे।

इन्हें मिला सम्मान ब्रिगेड आफ द गार्डस मेडल बेस्ट इन सर्विस सब्जेक्ट

दपिंदर दीप सिंह गिल राजपूत रेजिमेंट सिल्वर मेडल बेस्ट इन एकेडमिक्स

अनुज सिंह कुशवाह जाट रेजिमेंट सिल्वर मेडल बेस्ट इन ओक्यू

अभिमन्यु सिंह मोटिवेशन ट्राफी

नितेश रावत बांग्लादेश ट्राफी सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट

किंगा लहेंडूप भूटान चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर

कोहिमा कंपनी कमांडेंट बैनर-करिअप्पा बटालियन

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