12.2 C
Dehradun
Sunday, December 22, 2024

Kedarnath: मंदिर के गर्भगृह में सोन की परत पर घमासान, गोदियाल ने सोचा कि क्या यह भगवान के नाम पर कर चोरी नहीं है.

उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गोदियाल ने कहा कि बीकेटीसी ने बताया कि एक दानी ने गर्भगृह को 230 किलो सोना दान दिया. लेकिन बीकेटीसी ने सोशल मीडिया पर सोने की गुणवत्ता पर सवाल उठाने पर केवल 23 किलो बताया.

केदारनाथ गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत का मुद्दा अभी भी विवादित है. गणेश गोदियाल, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता, ने कहा कि इसके पीछे कर चोरी का मामला शामिल हो सकता है. सरकार से एसआईटी बनाकर इसकी जांच करने की मांग की है. ताकि हिंदुओं के आस्था के केंद्र के नाम पर हो रही अनेक आशंकाओं को दूर कर दिया जा सके.

BKTCI ने बुधवार को पीसीसी में एक प्रेसवार्ता में कहा कि एक दानी ने 230 किलो सोना दान दिया जब गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया जा रहा था. लेकिन बीकेटीसी ने सोशल मीडिया पर सोने की गुणवत्ता पर सवाल उठाने पर केवल 23 किलो बताया. उन्हें 207 किलो सोना आखिर कहां चला गया?

गोदियाल ने कहा कि 80 जी आयकर प्रमाणपत्र का मामला है. उनका दावा था कि 2005 में भी बदरीनाथ को 50 किलो सोना दिया गया था. धीरे-धीरे सोने का रंग उतर गया और तांबा दिखाई दिया. उनका आरोप था कि मंदिर समिति ने 23 किलो सोना दान दिया, जो 80-जी सर्टिफिकेट के साथ अपने रजिस्टर में दर्ज किया गया था, तो इसे किसी विशेषज्ञ से जांच क्यों नहीं कराई गई? उनका कहना था कि एक्रेलिक शीट अब सोने की परत उतरने पर लगाई जाती है. वे पूछा कि अगर गर्भगृह में वास्तव में सोना लगा था तो वह सिर्फ तीन महीने में पानी से कैसे बाहर निकला? उन्हें एसआईटी बनाकर जांच कराने की मांग की गई है. साथ ही एसआईटी में धातु विशेषज्ञों, पुलिस, आयकर और ईडी अधिकारियों को शामिल करने की मांग की गई है.
2005 में, कांग्रेस सरकार के दौरान बदरीनाथ मंदिर में सोना दान किया गया था, जिस व्यक्ति ने केदारनाथ में स्वर्ण प्लेटें दी थीं. कांग्रेस उस समय परेशान नहीं हुई. कांग्रेस केदारनाथ की छवि को बदनाम करने की कोशिश कर रही है.

महाराष्ट्र के एक श्रद्धालु ने केदारनाथ भगवान के गर्भगृह में सोते हुए क्या किया? मंदिर समिति ने पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से काम किया है. उसे राजनीतिक रूप नहीं देना चाहिए. ये राजनीति नहीं, श्रद्धा का विषय है. मैं शिगूफे छोड़ने वालों की निंदा करता हूँ. भक्तों को दुखी मत करो. हिंदूओं के लिए उत्तर भारत का सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग है केदारनाथ. भगवान केदारनाथ ने अपनी क्रूरता का स्पष्ट उदाहरण दिखाया है.

दानदाता से न तो 80-जी सर्टिफिकेट मांगा गया और न ही उनके नाम की उम्मीद की गई. मंदिर समिति ने कभी भी आधिकारिक रूप से 230 किलोग्राम सोने का दावा नहीं किया. पहले गर्भगृह में चांदी की प्लेटें थीं. उनका वजन 230 kg था. मीडिया ने कहा कि 230 किग्रा सोना चाहिए था. गर्भ गृह में एक हजार किलो तांबे की प्लेटों पर २३ किलो सोने की परत चढ़ाई गई है.

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles