बोल्डरों के सहारे यमुना नदी में स्नान करने को मजबूर हैं श्रद्धालु
चारधाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के शासन-प्रशासन भले लाख दावे करे लेकिन यमुनोत्री धाम में आज भी सुरक्षित स्नान घाट नहीं बन पाए हैं। श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर बोल्डरों के सहारे यमुना नदी में स्नान करने को मजबूर हैं। वहीं केंद्र सरकार की प्रसादम योजना भी हवाई साबित हो रही है।
गत वर्षों में केंद्र सरकार की प्रसादम योजना के तहत 35 करोड़ मंजूर किए गए थे लेकिन धरातल पर पुनर्निर्माण के नाम पर धाम में एक ईंट तक नहीं लगी। अब तीन साल बाद इस काम पर रोक लगाने के साथ मास्टर प्लान तैयार किए जाने की बात कही जा रही है। धाम में स्थिति यह है कि यहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु स्नान घाट नहीं होने से बोल्डरों के सहारे जान जोखिम में डालकर यमुना नदी में डुबकी लगाने को मजबूर हैं।
यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम की प्रसादम योजना फिलहाल रोक दी गई है। मास्टर प्लान के अनुरूप धाम का विकास किया जाएगा और इसके लिए मशीनें धाम में पहुंचाकर काम करने की जरूरत है।
प्रसादम योजना की जानकारी नहीं है लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ख्याल रखा जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने पर अब एसडीआरएफ भी तैनात रहेगी।