सावन सोमवार 2023: तस्वीर में भोलेनाथ की भक्ति में डूबी देवभूमि, जल लेकर आने वाले शिवभक्तों का उत्साह
आज, सावन के तीसरे सोमवार, मंदिरों में भक्तों की भीड़ है। शिवालयों में सभी देवताओं के स्वर सुनाई देते हैं। भक्तों की लाइनें सुबह से ही मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के लिए लगी हैं। आज देवभूमि भोले की पूजा में व्यस्त है।
आज पहाड़ों का दूसरा दिन है, जबकि शहरी क्षेत्रों का तीसरा दिन है। शिवभक्त हरिद्वार से जल लेकर चकराता पहुंचे हैं, जहां वे अलग-अलग मंदिरों में जलाभिषेक करेंगे। विकास नगर में शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।
ज्योतिषाचार्य आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में सावन की संक्रांति से शुरू होता है।
पहाड़ी लोग सूर्य को इसकी वजह मानते हैं। मैदान में, हालांकि, सावन चंद्रमा से शुरू होता है। हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य मास और चंद्र मास होते हैं।
दरअसल, लोक परंपराओं के अनुसार, पहले के समय में पहाड़ के लोग खेती पर ही निर्भर रहते थे।
इसलिए किसान सावन के महीने से पहले प्रकृति और ईश्वर से अच्छी फसल की कामना करते थे और पहाड़ों को बचाते थे।
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