मैं सीमेंट के पिलर के पास खड़ा था। ऊंची रेलिंग के कारण प्लांट छलांग भी नहीं लगा सकता था। मैं बार-बार करंट महसूस करता था। रास्ते पर एक के बाद एक शव पड़े देखकर मैंने बिना रेलिंग को छूए नीचे झाड़ियों में कूद दिया। मैं जिला अस्पताल में होश आया था।
करंट हादसे में घायल व्यक्ति अभी भी मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हुए हैं। धीरेंद्र रावत ने कहा कि यह भयानक हादसा अभी भी चर्चा में है।
रात भर सो नहीं रही है। चमोली के पवन राठौर ने बताया कि हर समय उनके सामने हादसे का चित्र दिखाई देता है। नींद नहीं आती।