देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में अलकनंदा नदी के दायें किनारे श्रीनगर में चौरास पुल से जाखणी-नैथाणा-रानीहाटा-कीर्तिनगर तक आस्था पथ बनाया जाना है। शहरी विकास विभाग को पहले चरण में चौरास पुल से किलकिलेश्वर महादेव मंदिर तक निर्माण कार्य की योजना भेजी गई है।
गढ़वाल क्षेत्र के दो प्रमुख स्थानों देवप्रयाग और श्रीनगर चौरास में आस्थापथ का निर्माण ऋषिकेश की तर्ज पर किया जाएगा। 2021 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका प्रस्ताव बनाया और शासन को स्वीकृति के लिए भेजा है। इस मामले में जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है।
दोनों परियोजनाओं पर लगभग 2015.16 लाख रुपये खर्च हुए हैं। पहली परियोजना में अलकनंदा नदी के दायें किनारे आस्था पथ का निर्माण टिहरी जिले के देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में श्रीनगर में चौरास पुल से जाखणी-नैथाणा-रानीहाटा-कीर्तिनगर तक किया जाना है। शहरी विकास विभाग को पहले चरण में चौरास पुल से किलकिलेश्वर महादेव मंदिर तक निर्माण कार्य की योजना भेजी गई है।
इस परियोजना का अनुमानित खर्च 1387.27 लाख रुपये होगा। शासन को मुख्य अभियंता (स्तर-2) प्रेम सिंह पंवार ने प्रस्ताव भेजा है। स्थापना होने से क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा। इससे स्थानीय लोगों को स्वच्छ हवा में नदी किनारे टहलने का बेहतरीन स्थान मिलेगा।
देवप्रयाग में गंगा नदी के दायें किनारे पर पौड़ी मोटर पुल से झूला पुल तक आस्था पथ का निर्माण विभागीय स्तर पर शासन को भेजा गया है। यह प्रस्ताव भी शहरी विकास विभाग को भेजा गया है। इस परियोजना पर लगभग 627.89 लाख रुपये खर्च होंगे।
पर्यटन विभाग पहले इस काम को पूरा करना था। यह बाद में शहर के सौंदर्यीकरण से जुड़ा हुआ था, इसलिए शहरी विकास विभाग को भेजा गया है। अब योजना की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति शासन से मिलनी चाहिए। इसकी पुष्टि सिंचाई सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने की है। उनका दावा था कि प्रस्ताव विभागीय स्तर पर शासन को भेजे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दोनों स्थानों पर भवन बनाया जाना चाहिए। ऐसे कार्यों के लिए सिंचाई विभाग को अलग से कोई बजट व्यवस्था नहीं है। इसलिए दोनों प्रस्ताव शहरी विकास विभाग को शासन के निर्देश पर ही भेजे गए हैं। अब सरकार नमामि गंगे या विशेष योजना सहायता मद में परियोजनाओं के लिए धन देगा।