देहरादून समेत तीन जिलों में बारिश का रेड अलर्ट, गंगा और सहायक नदियां उफान पर
देहरादून, टिहरी और पौड़ी के अलावा नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत में भी भारी बारिश हो सकती है। यहां ऑरेंज अलर्ट जारी है।
शुक्रवार को देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिले में भारी बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने इन जिलों को रेड अलर्ट भेजा है। मौसम विभाग ने कहा कि आज यहां गर्जन और भारी बारिश हो सकती है।
नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत में भी भारी बारिश हो सकती है। यहां ऑरेंज अलर्ट जारी है। कहीं-कहीं भारी बारिश हरिद्वार, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर में भी हो सकती है। यहाँ एक येलो अलर्ट है।
त्रिवेणी सहित अनेक गंगा घाट जलमग्न हैं।
मूसलाधार बारिश ने गंगा और उसकी सहायक नदियों को उफान पर डाल दिया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनि की रेती और तपोवन क्षेत्र के घाट और तट जलमग्न रहे। आरती स्थल त्रिवेणी घाट में जलमग्न था। जल पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम गंगा तटों और घाटों पर मुस्तैद हैं। गंगा जलस्तर बढ़ने से गंगा चेतावनी रेखा 339.50 से 30 सेमी नीचे 339.20 मीटर बह रही है।
स्थानीय प्रशासन ने गंगा के तटीय क्षेत्रों में रहने वालों को अलर्ट किया है। रायवाला से तपोवन तक गंगा के तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं। केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 339.32 मीटर था, जबकि शाम चार बजे 339.25 मीटर था और शाम सात बजे 339.20 मीटर था।
गंगा का जलस्तर लगातार घट-बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीण
बारिश से हरिद्वार में गंगा का जलस्तर लगातार गिर-बढ़ रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आतंक है। प्रशासन जलस्तर बढ़ने पर लोगों से गंगातट पर न जाने की अपील कर रहा है।
क्षेत्र में कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। इससे गंगा का जलस्तर घट रहा है। दो दिन पहले, गंगा का जलस्तर 294 तक पहुंच गया, जो खतरे का संकेत था। गुरुवार सुबह भी गंगा का जलस्तर 293.40 मीटर था। शाम को गंगा का जलस्तर 292.80 मीटर (खतरे के निशान से नीचे) था। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ का पानी खेतों से पहले से ही नहीं उतरा है। गंगा का जलस्तर फिर से बढ़ रहा है।
पानी फसलों में पहुंचा तो किसानों की बाकी फसल भी खराब हो जाएगी। उधर, एसडीएम गोपालराम बिनवाल ने बताया कि गंगा से सटे गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। गंगा किनारे नहीं जाने की अपील की जा रही है। बाढ़ राहत चौकियों भी अलर्ट मोड पर हैं।
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