जोशीमठ के पगनों गांव में बहुत से परिवारों को घर छोड़ना पड़ा। लोगों के चेहरे पर गुस्सा, बेबसी और दुःख तीनों दिखाई दिए। गांव के निकट खेतों और गोशाला में टेंट लगाकर रह रहे हैं, जबकि कुछ परिवारों ने अपने प्रियजनों के यहां शरण ले ली है।
भूस्खलन ने पगनों गांव में जनजीवन को बाधित कर दिया है। नौ परिवारों ने गांव के पीछे पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ली है। साथ ही 35 अतिरिक्त परिवारों को भी स्थानांतरित किया जाएगा। शनिवार को जोशीमठ से एसडीएम कुमकुम जोशी ने गांव में जाकर हालात को देखा।
पगनों गांव, जोशीमठ तहसील मुख्यालय से लगभग २५ किलोमीटर की दूरी पर है, में 120 परिवार रहते हैं। गांव के पीछे पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में एक प्राकृतिक झील थी। 2021 में भारी बारिश ने झील को नुकसान पहुँचाया और पानी रिसाव होने लगा। जिससे गांव में बरसात में मलबा आने लगा।
जुलाई में पहाड़ी से भारी भूस्खलन शुरू हुआ। मुरलीधर, पुष्पा देवी, जय प्रसाद, कैलाश सुंदरियाल, प्रदीप सिंह, दिलवर सिंह, दुर्गा देवी, कुंदन सिंह और भोपाल लाल ने इससे अपने घर छोड़ दिए हैं।
रिश्तेदारों के घर में ठहराया
भूस्खलन ने उनके घर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। कैलाश सुंदरियाल और दुर्गा देवी के परिवार के अलावा अन्य परिवार गांव के पास खेतों और गोशाला में टेंट लगाकर रह रहे हैं। भूस्खलन से गांव का शिव मंदिर भी ढह गया है। शनिवार को एसडीएम कुमकुम जोशी ने गांव में जाकर भूस्खलन का हाल देखा।
एसडीएम के निर्देश पर खतरे की जद में आए 35 अन्य परिवारों को शिफ्ट करने की तैयारी भी चल रही है। साथ ही, एसडीएम ने प्रभावित परिवारों के साथ एक बैठक में उनकी परेशानियों को सुनकर उनकी चिंताओं को सुन लिया। एसडीएम ने कहा कि गांव में नौ परिवार शिफ्ट किए गए हैं। गांव का पंचायत भवन और मिनल केंद्र सुरक्षित हैं। खतरे में आ रहे 35 अन्य परिवारों को भी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया जारी है। इनको भी जल्दी शिफ्ट कर दिया जाएगा।