जोशीमठ धरती विस्फोट: भू-धंसाव वाले क्षेत्र में घरों की नीचे पानी बहने की आवाज फिर से सुनाई देने लगी, दहशत में लोग
Joshimath Landslide समाचार: जोशीमठ में भू-धंसाव जनवरी की शुरुआत में ही शुरू हो गया था। तब जोशीमठ की तलहटी में JP कॉलोनी में बाढ़ आई।
जोशीमठ शहर में भू-धंसाव वाले इलाकों में घरों के नीचे पानी बहने की आवाज फिर से सुनाई देने लगी है। यह पानी कहां से आता है और निकल जाता है पता नहीं है। लोग भयभीत हैं। सुनील वार्ड के लोग फर्श पर कान डालकर पानी के बहने की आवाज सुन रहे हैं, जो कुछ ऐसा लगता है जैसे कोई गदेरा नीचे बह रहा है। जोशीमठ में आठ महीने बाद भी भूधंसाव और पानी रिसाव का सच सामने नहीं आया है, जिससे लोग चिंतित हैं।
जोशीमठ में भू-धंसाव जनवरी की शुरुआत में ही शुरू हो गया था। तब जोशीमठ की तलहटी में JP कॉलोनी में बाढ़ आई। उस समय भी बहुत से घरों के नीचे पानी बहने की आवाज आती थी। उस समय कई संस्थाओं ने इसका अध्ययन किया था। मार्च में भूधंसाव समाप्त हो गया। लेकिन अब बरसात में घरों के नीचे पानी बहने की आवाजें फिर से आने लगी हैं। 13 अगस्त की रात को हुई बारिश से विनोद सकलानी के घर में पानी बहने की आवाज आई।
उसने बताया कि पहले दिन घर के अंदर खड़े होने पर ही लगता था कि नीचे कोई नदी बह रही है, विनोद सकलानी ने बताया। पानी की आवाज अब थोड़ी कम हो गई है। लेकिन हैरत की बात है कि मकान के ऊपर या नीचे कहीं भी पानी बहता हुआ नहीं दिखाई देता। अगर पानी है तो कहां से आता है और जाता है? वार्ड में फिर से भू-धंसाव हो रहा है। पैदल चलने पर भी धंसाव हो रहा है।
13 अगस्त के बाद आंदोलन
सुनील वार्ड के पंवार मोहल्ले में रहने वाले भरत सिंह पंवार बताते हैं कि उनके घर में पहले कोई क्षति नहीं हुई है। 13 अगस्त की बारिश के बाद यहां जमीन धंसने लगी है। रास्ता टूट गया है, खेतों में दरार है। हालाँकि उनका घर अभी भी सही है, उनके आंगन तक टूट गया है। पूरे क्षेत्र में जमीन धंस रही है। लोग इससे भयभीत हैं। उसने कहा कि घर के दो कमरे अभी ठीक हैं और परिवार वहीं रहता है। लेकिन अधिक बारिश होने पर सभी होटल में बनाए गए राहत शिविर में चले जाते हैं।
बरसात ने आपदा के घाव हरे किए
जोशीमठ के लोगों को बरसात ने फिर से घायल कर दिया है। वर्षा शुरू होने से ही कई स्थानों पर गड्ढे, जमीन में दरार और घरों की दरार अधिक चौड़ी होने के मामले सामने आए हैं। हाल ही में मनोहर बाग वार्ड में औली रोड पर दो फीट गहरी 22 मीटर लंबी दरा पड़ी। सिंहधार वार्ड में भी कई जगह खेत और रास्ते टूट गए हैं।
यह जोशीमठ भूधंसाव की वर्तमान स्थिति है
जोशीमठ में भूधंसाव से 868 घरों में दरारें आईं, जिनमें से 181 को असुरक्षित की श्रेणी में रखा गया था। पुनर्वास पैकेज के तहत प्रशासन ने 145 प्रभावित परिवारों को 31 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। 57 परिवार अभी भी नगर पालिका जोशीमठ के अंतर्गत राहत शिविरों में रह रहे हैं। जबकि 239 परिवार किराए पर या अपने रिश्तेदारों के घरों में रहते हैं।
कुछ स्थानों पर सुनील वार्ड में भूधंसाव हुआ है। यहां प्रभावित परिवारों को राहत शिविर में जाने को कहा गया है। अन्य स्थानों पर ऐसा होना आम है। लोगों से विस्थापन का विकल्प पूछा गया है। किसी ने अभी तक लिखित विकल्प नहीं दिए हैं। मानसून सीजन के बाद लोगों से पुनः विस्थापन की मांग की जाएगी।
अधिकारिक रूप से ऐसी कोई जानकारी हमारे पास नहीं है। रूका हुआ पानी जमीन के भीतर मिट्टी के सेटलमेंट के माध्यम से चलता है। इस तरह का कारण जमीन के भीतर पानी बहने की आवाज हो सकता है। जांच के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।
जमीन के भीतर पानी का एक चैनल है। जोशीमठ में पूर्व में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि वहां भी पानी का चैनल काम कर रहा है। इसमें बरसात में वृद्धि हो सकती है। जांच के बाद ही शेष मौका पता चल सकता है।
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