कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगता है कि अब अपने पुराने सरकारी आवास में नहीं लौटेंगे। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल हुए दो महीने से ज्यादा हो गए हैं। उसके बाद लोकसभा की हाउस कमेटी ने उनको फिर से 12, तुगलक लेन का मकान आवंटित कर दिया लेकिन राहुल उसमें रहने नहीं गए हैं। उन्होंने अपना कार्यालय भी वहां चालू नहीं किया है। वे अब भी अपनी मां सोनिया गांधी को आवंटित आवास 10, जनपथ से ही काम कर रहे हैं। वहीं पर उन्होंने अपना कार्यालय बनाया था। जब उनकी सदस्यता खत्म की गई थी तब खबर आई थी कि वे पूर्वी निजामुद्दीन में संदीप दीक्षित के मकान में अपना कार्यालय बना सकते हैं लेकिन उस बारे में भी खबर नहीं है।
ध्यान रहे राहुल गांधी को 12, तुगलक लेन का मकान 2004 में आवंटित हुआ था, जब वे पहली बार चुनाव जीत कर सांसद बने थे। उस समय उनको एसपीजी की सुरक्षा मिली हुई थी इसलिए बड़ा बंगला आवंटित हुआ। उसके बाद करीब 19 साल तक वे उसी बंगले में रहे। राहुल के कुछ करीबी लोगों के हवाले से कहा जा रहा है कि बंगला उनके लिए बहुत लकी नहीं रहा। हालांकि उस बंगले में जाने के बाद ही 2009 में कांग्रेस को ज्यादा बड़ी जीत मिली थी।
बहरहाल, वास्तु दोष की जो भी बात हो उससे ज्यादा मैसेजिंग का मामला है। राहुल बार बार अपनी सभाओं में कह रहे हैं कि उनकी सांसदी छीन ली गई थी और घर भी छीन लिया गया था। इसलिए ऐसा लग रहा है कि अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले वे उस बंगले में नहीं लौटेंगे। चुनाव के बाद ही वे फैसला करेंगे कि उस बंगले में लौटना है या दूसरा मकान लेना है।