नई दिल्ली। भारतीय नौसेना और डीआरडीओ ने मंगलवार को स्वदेश में निर्मित नेवल एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया। सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से यह परीक्षण किया गया। अहम मिसाइल तकनीक के मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में यह परीक्षण बेहद अहम कदम है। परीक्षण के दौरान नौसेना और डीआरडीओ के शीर्ष अधिकारियों ने भी इस टेस्ट पर नजर बनाए रखी।
भारतीय नौसेना और डीआरडीओ ने स्वदेश में निर्मित नेवल एंटी शिप मिसाइल का किया सफल परीक्षण
बता दें कि भारतीय नौसेना द्वारा किए गए इस परीक्षण में मिसाइल की Seeker और Guidance तकनीक का भी परीक्षण किया गया। बता दें कि किसी भी मिसाइल का उसके तय लक्ष्य को भेदना ही गाइडेंस तकनीक का हिस्सा है। कोई मिसाइल कितनी प्रभावी है, यह उसकी गाइडेंस तकनीक पर ही निर्भर करता है। नौसेना ने जो वीडियो जारी किया है, उसमें दिख रहा है कि महासागर के ऊपर उड़ रहे भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर ने एंटी शिप मिसाइल फायर की, जिसने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को भेद दिया। इससे पहले बीते साल मई में भी नौसेना ने डीआरडीओ के साथ मिलकर एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
बता दें कि भारत सरकार की कोशिश है कि रक्षा उत्पादन के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाया जाए। इस उद्देश्य को पाने के लिए डीआरडीओ, डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड अहम भूमिका निभा रहे हैं। अभी हमारा देश हथियारों की आपूर्ति के लिए बड़े पैमाने पर विदेशों पर निर्भर है लेकिन अब सरकार हथियारों के आयात को रोकने के लिए देश में ही हथियारों के निर्माण और तकनीक के हस्तांतरण के लिए समझौते कर रही है। अभी भारत में इंटीग्रेटिड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के जरिए चार मिसाइल सिस्टम देश में ही विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें पृथ्वी मिसाइल, आकाश मिसाइल, त्रिशूल और नाग मिसाइल सिस्टम शामिल हैं।