हल्द्वानी हिंसा के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फुल एक्शन में हैं। एक तरफ दंगाइयों का अच्छे से हिसाब किया जा रहा है तो दूसरी तरफ हथियार रखने वालों के खिलाफ भी सरकार ने नजर पैनी कर ली है। सीएम के कड़े निर्देशों के बाद हल्द्वानी की डीएम वंदना सिंह ने बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के 120 शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए है। जानकारी के मुताबिक, अभी कुछ और लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करके हथियारों को जमा करने की करवाई शुरू कराई जाएगी।
अतिक्रमण हटाने को लेकर बनभूलपुरा क्षेत्र में हुए बवाल के बाद से जिला प्रशासन, कानूनी रूप से उपद्रवियों पर शिकंजा कस रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चिन्हित आरोपियों के खिलाफ कारवाई तेज की गई है। आरोपियों के पास से अवैध शस्त्रों और कारतूसो की बरामदगी के बाद जिला मजिस्ट्रेट वंदना सिंह ने 120 शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। इसके अलावा कुछ नेताओं की सुरक्षा को भी वापस ले लिया गया है।
डीएम वंदना सिंह के मुताबिक, हिंसा में शामिल लोगों की पहचान किए जाने के बाद ये करवाई शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों के साथ सख्ती के साथ पेश आया जाएगा चाहे वो कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो। उधर केंद्रीय अर्ध सैनिक सुरक्षा बलों की चार कंपनियां हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गई हैं और उन्होंने मोर्चा संभाल लिया है। बीएसएफ के ये जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर आए हैं।
जानकारी के अनुसार क्षेत्र में बलवा के बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रात के अंधेरे में चोरी छिपे रेल की पटरी के रास्ते कर्फ्यू क्षेत्र से बाहर निकल कर भाग रहे हैं और वहां से ट्रक बसों में सवार होकर बरेली, रामपुर की तरफ निकल गए है। जहां मदरसा तोड़ा गया, वहां आसपास के लोग घरों में ताले डाल कर, कब्रिस्तान के रास्ते भागते हुए दिखाई दिए। पुलिस सीसीटीवी, वीडियो, सर्विलांस के जरिए आरोपियों की धरपकड़ कर रही है, उनके घरों की तलाशी भी ली जा रही है।
ड्रोन से बचने के लिए घरों में नीचे रखे पत्थर और पेट्रोल बम
जानकारी के मुताबिक उपद्रवियों ने अपनी योजना के तहत ईंट पत्थर, पेट्रोल बम, अपने घरों के भीतर छुपा कर रखे थे, उन्हें इस बात की जानकारी थी कि ऊपर ड्रोन से कैमरा जरूर देखेगा कि कहां-कहां बलवा करने का सामान एकत्र किया हुआ है।