राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता कानून को मंजूरी दे दी है।पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने उत्तराखंड विधानसभा में इस बिल को पास करवान के लिए इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा था। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट करके एक जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि यह बहुत हर्ष का विषय है कि अब UCC लागू होगा और सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी।
CM पुष्कर सिंह धामी ने अपने X पोस्ट में लिखा है, प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में यूनिफॉर्म सिविल कोड अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए संकल्पित हैं।
क्या हैं उत्तराखंड के UCC के नियम
लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को अपने अभिभावकों को देनी होगी जानकारी।
इसकी जानकारी पुलिस को भी दी जाएगी, जानकारी छिपाने पर हो सकता है जुर्माना और जाना पड़ सकता है जेल
UCC के तहत एक से ज्यादा शादियों पर लगा दी गई है रोक
मुस्लिम समुदाय के लोग भी औपचारिक तौर पर तलाक हुए बिना दूसरी शादी नहीं कर सकेंगे।
UCC के तहत परिवार की संपत्ति में महिलाओं को भी मिलेगा बराबरी का हक।
इस्लाम में हलाला और तीन तलाक जैसी प्रथाएं होंगी गैरकानूनी
UCC के चलते शादी, तलाक और बहुविवाह जैसे मामलों में मुस्लिम पर्सनल लॉ लागू नहीं होगा
अनुसूचित जनजातियों पर लागू नहीं होगा उत्तराखंड का UCC
कई देशों में लागू है UCC
जानकारी के अनुसार भारत से पहले कुल 9 देश ऐसे हैं जिहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है। यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने वाली पांच सदस्यों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सऊदी अरब, तुर्की, नेपाल, फ्रांस, अजरबैजान, जर्मनी, जापान, इंडोनेशिया और कनाडा में यूसीसी लागू है।