देहरादून। उत्तराखंड के उपनल कर्मचारियों के लिए मंगलवार को मंगल मई खबर सुप्रीम कोर्ट से आई,जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया,जिसको लेकर सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी थी,दरअसल 2018 में हाईकोर्ट ने उपनल कर्मचारियों के हित में फैलसा सुनाते हुए,उपनल कर्मचारियों के हित में समान काम समान वेतन दिए जाने का फैसला सुनाया था,साथ ही नियमितीकरण को लेकर सरकार की जो गाइड लाइन नियमतिकरण को लेकर है,उसके तहत उपनल कर्मचारियों को नियमितीकरण का फैसला सुनाया था,लेकिन उपनल कर्मचारियों के हक में जो फैसला हाईकोर्ट ने सुनाया था,सरकार उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गई,लेकिन अब उपनल कर्मचारियों के हित मे सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है,जिसे सरकार के लिए झटका माना जा रहा है,उपनल कर्मचारी महासंघ के मीडिया प्रभारी प्रदीप चौहान का कहना है,कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका खारिज की है,उससे उपनल कर्मचारियों में खुशी है,सरकार को अब जल्द उपनल कर्मचारियों के हित मे निर्णय लेना चाहिए। उपनल कर्मचारी को नियति कारण करने के साथ ही स्थाई कर्मचारियों की भांति सभी लाभ देते हुए 2018 से एरिया का लाभ भी देना चाहिए।
उपनल कर्मचारी की हक में जिस तरीके से हाईकोर्ट ने 2018 में फैसला सुनाया था और अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका को खारिज किया है उसे उपनल कर्मचारी में नियमितीकरण की जहां आज जगी है तो वहीं सरकार इस फैसले पर विधिक राय लेने की बात अब कर रही है लेकिन विपक्ष के विधायक प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार को उपनल कर्मचारी के हित में निर्णय लेकर नियमितकरण करना चाहिए।