29.2 C
Dehradun
Wednesday, March 12, 2025

जलवायु परिवर्तन एवं नवीकरणीय ऊर्जा- चुनौतियाँ पर चर्चा,उत्तराखंड में हरियाली मिशन पर हो रहा है काम – CM


देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वाडिया इंस्टीट्यूट में जलवायु परिवर्तन एवं नवीकरणीय ऊर्जा- चुनौतियाँ और समाधान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए। सीएम ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन संपूर्ण विश्व के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने खड़ा है। उन्होंने पिछले वर्ष की गर्मी के अनुभव को याद करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण देहरादून सहित विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान पहले की तुलना में बहुत अधिक रहा। ऐसे समय में, जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता फैलाने एवं इसके समाधानों पर गहनता से चर्चा करने का एक सराहनीय प्रयास है। यह संगोष्ठी न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को समझने का एक अवसर है, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारे संकल्पों को मजबूती देने का भी एक विशिष्ट मंच है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “हरियाली मिशन“ के अंतर्गत लाखों की संख्या में पौधे रोपे जा रहे हैं। “जल शक्ति अभियान“ के माध्यम से 1000 गाँवों में तालाबों और पारंपरिक जल स्रोतों को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन ऑथोरिटी का गठन भी किया है, जिसके अन्तर्गत अभी तक 5500 जलीय स्त्रोतों तथा 292 सहायक नदियों का चिन्हीकरण कर उनका उपचार किया जा रहा है। वाडिया इंस्टीट्यूट के सहयोग से हमने ग्लेशियर अध्ययन केंद्र भी स्थापित किया है, जिससे हम प्रकृति द्वारा दिए जाने वाले संकेतों को समझ सकें और उसके क्षरण को रोकने हेतु प्रभावी नीतियाँ बनाकर कार्य कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ग्रीन-गेम्स की थीम पर किया गया। पूरे आयोजन के दौरान मेडल प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों के नाम पर एक-एक रूद्राक्ष के पौधे लगाकर 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित किया गया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां जीडीपी की तर्ज़ पर जीईपी यानि ग्रोस इनवायरमेंट प्रोडक्ट का इंडेक्स तैयार कर जल, वन, भूमि और पर्वतों के पर्यावरणीय योगदानों का आँकलन करने का प्रयास हो रहा है। जीवाश्म आधारित ईंधन के स्थान पर ग्रीन ऊर्जा को वृहद् स्तर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है। “नई सौर ऊर्जा नीति” लागू करने के साथ ही वर्ष 2027 तक 1400 मेगावाट सोलर क्षमता पाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में “पी०एम० सूर्यघर योजना” और “मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना” के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ उठाकर बड़ी संख्या में लोग सोलर पैनल लगवा रहे हैं।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन संपदाओं को संरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ा जाए। इससे हमारे वन भी संरक्षित रहेंगे और लोगों को आजीविका भी मिलेगी। वनों में लगने वाली आग को न्यून करने के लिए विस्तृत प्लान बनाया गया है।

इस मौके पर लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, यूथ फाउंडेशन के संस्थापक कर्नल अजय कोठियाल(से नि), प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, निदेशक वाडिया डा विनीत कुमार गहलोत, वैज्ञानिक डॉ जे बी सिंह, डा हृदया चौहान सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक और श्रोता मौजूद रहे।



Source link

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles