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Friday, April 19, 2024

(OPS) OLD PENSION SCHEME बहाल न हुई तो सरकार को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम, उत्तराखंड शिक्षक संगठन ने दी बड़ी चुनौती।

देहरादून। पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर प्रदेशभर के कार्मिक मुखर हो गए है। नई पेंशन योजना का विरोध करते हुए रविवार को बड़ी संख्या में कार्मिकों ने परेड मैदान से मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला में रोक लिया। इस दौरान पुलिस कर्मियों और कार्मिकों के बीच नोकझोंक भी हुई। कार्मिकों ने वहीं पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सांकेतिक धरना दिया। साथ ही अपनी मांग को लेकर आंदोलन जारी रखने का एलान किया।

पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में प्रदेशभर से कार्मिक देहरादून पहुंचे। यहां परेड ग्राउंड में एकत्रित होने के बाद वह रैली की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास रवाना हुए।

हाथ में पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में पोस्टर-बैनर लिए कार्मिक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते चल रहे थे। हाथीबड़कला पहुंचने पर वहां पहले से मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।

वहां सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त मोर्चा के महामंत्री सीता राम पोखरियाल,संजय कुकशाल, डॉक्टर मुकेश नौटियाल,सुनील जोशी,सुनील चमोली रितिक तोपाल आदि ने कहा कि यह सरकार के लिए निर्णायक समय है, इसलिए कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर वह एक नजीर पेश करते हुए मांग पर कार्रवाई करे। ऐसा नहीं होता है तो कार्मिक आरपार की लड़ाई के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चेतावनी रैली के रूप में कार्मिकों ने मुख्यमंत्री तक आवाज पहुंचाई है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बाबत शीघ्र कोई सकारात्मक कदम उठाएंगे।

उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक महासंघ के पदाधिकारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को पूर्ण समर्थन देते हुए रैली में शिरकत की। उन्होंने बताया कि, सरकार को समझना होगा कि पुरानी पेंशन का मुद्दा कितना अहम है और इसे लागू करना ही होगा। राजकीय शिक्षक संघ के सुनील जोशी,राजीव लेखवार ने कहा कि अभी कार्मिक एकता की केवल एक झलक सरकार ने देखी है। अगर सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो आगामी लोकसभा चुनाव में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

 

नई पेंशन प्रणाली NPS

केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को 2004 में हटाकर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) लागू कर दी है एनपीएस के तहत पेंशन राशि कुल जमा राशि और निवेश पर आए रिटर्न पर तय होती है इसमें मूल वेतन और DA का 10 फीसदी कर्मचारियों को मिलता है और इतना ही योगदान राज्य सरकार भी देती है, एनपीएस शेयर बाजार पर केंद्रित है और इसका भुगतान बाजार के अनुसार होता है।

पुरानी पेंशन प्रणाली OPS

पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत कर्मचारी के रिटायर होने पर अंतिम माह में मिले वेतन की 50 फीसदी राशि उसे पेंशन के रूप में प्रतिमाह मिलती है. क्योंकि, पेंशन राशि को बेसिक सैलरी और महंगाई दर से तय किया जाता है, इस राशि का भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है।

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