एक अल्मोड़ा जल्द ही नगर का पुराना पटाल बाजार वापस आ जाएगा। 34 करोड़ की डीपीआर बनाकर शासन को भेजी गई है। यहाँ कोटा पत्थर की स्लेट की जगह पारंपरिक पटाल लगाने का विचार है। यही कारण है कि इस बाजार में बदहाल हो चुके कोटा पत्थर से मुक्त होने की उम्मीद जगी है।
पटाल बाजार, सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की एक विशिष्ट पहचान है। इसी पहचान ने पूर्व में यहां बिछे पारंपरिक पटाल बाजार की शोभा बढ़ाई थी। इन पटालों को बाहर निकालकर उनके स्थान पर कोटा पत्थर की स्लेट बिछा दी गई, जिससे पटाल पूरी तरह से गायब हो गए। इस बाजार को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू हुआ है। यहां पारंपरिक पटाल बिछाने के लिए पर्यटन विभाग ने 34 करोड़ की डीपीआर बनाकर शासन को भेजी है, जो जल्द ही मंजूर होने की उम्मीद है। ऐसे में पारंपरिक पटाल फिर से बाजार में दिखाई देंगे।
-दुर्घटना का कारण बनने वाली कोटा पत्थर की स्लेट
एक अल्मोड़ा पटाल बाजार में बिछी कोटा पत्थर की स्लेट दुर्घटना का कारण बन रही हैं। हल्की बारिश में वे भी फिसल जाते हैं, जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। लोग पारंपरिक पटाल बिछाने से इस समस्या से छुटकारा पाने की उम्मीद करते हैं।
– बाजार के दोनों ओर बिछेंगी पाइप लाइनें
एक अल्मोड़ा मार्ग के बीचो-बीच बिछी पेयजल लाइन को जलसंस्थान संचालित करेगा। यह लाइन बाजार की गली के दोनों ओर बिछाकर भूमिगत होगी। लोगों को खुले में बिछी लाइन से छुटकारा मिलेगा और बाजार की सुंदरता बनी रहेगी। साथ ही, बाजार में जगह-जगह झूलने वाली केबल को भूमिगत करने की योजना भी है।
– कोर्ट
पटाल बाजार को पुनर्जीवित करने के लिए 34 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर कुमाऊं शैली के पटाल बाजार में बिछाए जाएंगे। अल्मोड़ा जिला पर्यटन अधिकारी अमित लोहनी