अल्मोड़ा। गर्भवती महिलाओं को प्रसव से 10 दिन पहले अस्पताल लाना होगा। यदि अस्पताल में पर्याप्त ठहरने की जगह नहीं है, तो वे आसपास के होटल में ठहर सकते हैं, जिसका खर्च सरकार भरेगी।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह घोषणा की जब वे जिला भ्रमण पर थे। उनका कहना था कि सरकार को आपदाकाल में गर्भवतियों को अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव कराना चाहिए। हर समय इसे पूरा किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने मंगलवार को अल्मोड़ा में आपदा प्रबंधन की बैठक में कहा कि प्रदेश में आपदाकाल के दौरान जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए गर्भवतियों को अस्पतालों में प्रसव कराना चाहिए। उसने कहा कि गर्भवती महिलाओं को आपदाकाल में पर्वतीय क्षेत्रों में बंद सड़कों के बीच कोई खतरा नहीं होगा, इसलिए उन्हें प्रसव से 10 दिन पहले अस्पतालों में लाना होगा। यदि अस्पतालों में पर्याप्त जगह नहीं होगी तो वे नजदीकी होटलों में रह सकते हैं। सरकार उनके रहने-खाने का पूरा खर्च भरेगी। ऐसे में राज्य की गर्भवती महिलाओं को राहत मिलेगी।
अल्मोड़ा में 1,507 प्रस्तावित प्रसव हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही आपदाकाल में जन्मने वाली गर्भवतियों को चिह्नित किया है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि आपदाकाल में अल्मोड़ा जिले में 1,507 प्रसव होने वाले हैं। संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता और एएनएम इन गर्भवतियों को तय समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं।
अल्मोड़ा में जुलाई से सितंबर तक प्रस्तावित प्रसव
विकासखंड गर्भवतियां
हवालबाग 241
ताकुला 130
भैंसियाछाना 86
धौलादेवी 234
लमगड़ा 96
ताड़ीखेत 218
द्वाराहाट 116
चौखुटिया 93
भिकियासैंण 70
देघाट 110
सल्ट 113
आपदाकाल में गर्भवती महिलाओं को प्रसव से 10 दिन पहले अस्पताल भेजा जाता है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि यदि अस्पतालों में पर्याप्त जगह नहीं है तो उन्हें होटल में ठहराया जाएगा। डॉ. आरसी पंत, अल्मोड़ा के सीएमओ