Almora समाचार: बारिश से अल्मोड़ा में भी समस्या बढ़ी, दो मकान बागेश्वर में क्षतिग्रस्त
अल्मोड़ा। बारिश ने जिला मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में चार सड़कों को बंद कर दिया है, जिससे पांच हजार लोग परेशान हैं। 22 से अधिक गांवों में वाहनों की आवाजाही कम होने से लोग पैदल चलने को मजबूर हैं।
बारिश के बाद जिले में वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है क्योंकि जौरासी-घन्याल, डूंगरी, शशिखाल जाख-तलाड़, सौधार-पनुवाद्योखन सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिरे हैं। ऐसे में लगभग २२ गांव अलग-थलग हो गए हैं और पांच हजार से अधिक लोग परेशान हैं। ग्रामवासी मलबा और बोल्डरों के बीच पैदल चल रहे हैं।
सड़क को खोलने के लिए मौके पर लोडर मशीन और जेसीबी तैनात की गई हैं, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया। सड़कों पर आवाजाही जल्द शुरू होगी।
अल्मोड़ा में बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया
अल्मोड़ा। बुधवार सुबह झमाझम बारिश ने जिला मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में जनजीवन को बाधित किया। बारिश के बाद सड़कों और बाजारों पर भी शांतता छा गई। बारिश से बचने के लिए लोगों को छाता का सहारा लेना पड़ा। एक घंटे बाद बारिश समाप्त होने से लोगों को राहत मिली।
बारिश आकार (मिमी में)
चौखुटिया-9
सोमेश्वर—7.2
जागेश्वर-5.5
मासी-20.5
जीआईसी कपकोट का विज्ञान भवन भूस्खलन से खतरे में है
बागेश्वर। फिर मूसलाधार बारिश ने बागेश्वर में जनजीवन को प्रभावित किया। कपकोट में सबसे अधिक 160 मिमी बारिश हुई। बारिश के दौरान जिले में दो घर क्षतिग्रस्त हुए। जीआईसी कपकोट का विज्ञान भवन भूस्खलन से खतरे में है। डंगोली में 47.50 मिमी, गरुड़ में 21 मिमी और बागेश्वर में नौ मिमी बारिश हुई।
आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि जालेख निवासी धन सिंह पुत्र मान सिंह और जगथाना गांव के भीम सिंह पुत्र गुमान सिंह का घर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुआ था। दोनों परिवारों को नियमानुसार धन मिलेगा। बुधवार दोपहर तक जिले में भारी बारिश हुई।
उफान पर आए डणों ने गधेरे को भयभीत कर दिया
बागेश्वर। बुधवार को कपकोट में असों का डणों गधेरा उफान पर रहा। भारी बारिश ने कपकोट क्षेत्र में गधेरे की लहरों को काफी ऊंचाई पर उठाया। गधेरा बागेश्वर-कपकोट सड़क पर है। गधेरा उफान पर आने से बुधवार सुबह यातायात कई घंटे बाधित रहा। डणों गधेरा हर साल बरसात में उफान में जाता है, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकलता।
बागेश्वर की २० सड़कों पर यातायात अवरुद्ध
बागेश्वर। बुधवार को 20 सड़कों पर यातायात बाधित था। लंबे समय से इनमें से दो सड़कें बंद हैं। लोगों को यातायात कम होने से बहुत परेशानी हो रही है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि झूनी सड़क और काफलीकमेड़ा सड़क लंबे समय से बाधित हैं।
ये सड़कें बंद
सातचौरा-जल्थाकोट
कांडा-सानिउडियार
कांडा-रिखाड़ी
डोबरगाड़ा-धारी
चनबौड़ी-बोहाला
मनकोट,
भानी-हरसिग्याबगड़
कठपुड़ियाछीना-सेराघाट
कमेड़ीदेवी-भैंसूड़ी-टकनार
काफलीगैर-जांठा
जौलकांडे-लेटी
विजयपुर-रनकांडे
झड़कोट-जुनायल
रावतसेरा-भानाकभाटा
कांडा-पंगचौड़ा
कांडा-पंगचौड़ा
बागेश्वर-दफौट-नौगांव
भयूं-गुलेर
काफलीकमेड़ा
सूपी-झूनी
मूसलाधार बारिश ने गरुड़ नदियों का जलस्तर बढ़ाया
गरुड़ (बागेश्वर) का नाम है। मंगलवार रात नौ बजे से 11 बजे तक तहसील क्षेत्र गरुड़, गोमती, लाहुर और देेवनाई घाटी में दो घंटे मूसलाधार बारिश हुई। इससे आसपास की नदियों का जलस्तर काफी बढ़ा है। लाहुर घाटी के ग्रामीणों में आपदा की आशंका बढ़ी। बारिश के कारण डंगोली-सैलानी, कपकोटी-डाक, जिंतोली-गढ़खेत, सैलानी-डाकघट और अन्य सड़कों पर कई स्थानों पर मलबा पड़ा है। इसलिए रात में इस तरह की सड़कें बंद रहीं। बुधवार सुबह, सड़क निर्माण संस्थाओं ने मलबा हटाकर सड़कों को यातायात के लिए खोला। बाढ़ और भूस्खलन ने मेलाडुंगरी, जखेड़ा, पचना, कफलढूंगा, डुगंलेाट, तिलसारी और गढ़खेत में कई संपर्क मार्गों को नुकसान पहुँचाया। ग्रामीणों ने राजस्व पुलिस से सड़कों और अन्य संपत्ति की मरम्मत करने की मांग की है।
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