बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में पहले यात्राकाल में वीआईपी और वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। बीकेटीसी पहले वीआईपी श्रद्धालुओं को निशुल्क दर्शन और प्रसाद देती थी, लेकिन अब शुल्क लेती है।
BKT ने अब तक 91.63 लाख से अधिक की आय वीआईपी अतिथियों के दरीनाथ और केदारनाथ धाम से प्राप्त की है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने पहली बार वीआईपी अतिथियों के दर्शन के लिए 300 रुपये वसूले हैं।
अब तक, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में 30,546 वीआईपी और वीवीआईपी ने दर्शन किए हैं। बीकेटीसी को इससे 91,63,800 रुपये की आय हुई है। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि 25 अप्रैल को केदारनाथ मंदिर के कपाट और 27 अप्रैल को बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे।
वीवीआईपी और वीआईपी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
बीकेटीसी ने पहली बार देश के चार बड़े मंदिरों, श्री वैष्णोदेवी, श्री तिरूपति बाला जी, श्री सोमनाथ और श्री महाकाल मंदिर में वीआईपी दर्शन व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के लिए 300 रुपये का शुल्क लगाया है। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में पहले यात्राकाल में वीआईपी और वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार रहती है। बीकेटीसी वीआईपी श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन और प्राथमिकता के आधार पर दर्शन देती थी। देखने के लिए कोई शुल्क नहीं था। वीवीआईपी और वीवीआईपी श्रद्धालुओं के नाम पर कई संस्थाएं भी बनीं।
केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद 8198 विदेशी पर्यटकों ने दर्शन किए हैं। जिससे 24,59,400 रुपये की कमाई हुई है। बदरीनाथ धाम में 22348 वीआईपी पर्यटकों से शुल्क 67,04,400 रुपये प्राप्त हुए हैं। अध्यक्ष ने कहा कि नई व्यवस्था ने दोनों धामों में वीआईपी के नाम पर अनावश्यक दर्शन करने पर भी रोक लगा दी है। इस प्रणाली का उद्गम स्थान केदारनाथ धाम था। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहली पर्ची काटी। मुख्यमंत्री ने 300 रुपये देकर दर्शन किए थे।