राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक बार फिर चीन की सेना को ‘ग्रेट वॉल ऑफ स्टील’ में तब्दील करने का आह्वान किया है। राज्य नियंत्रित मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने सैनिकों को सीमा रक्षा और नियंत्रण में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने को को कहा है।
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के प्रमुख शी ने सर्वेक्षण करने के लिए बुधवार को आंतरिक मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र में सीमा प्रबंधन व नियंत्रण व सीमा सैनिकों के विकास को लेकर एक फैक्ट-फाइंडिंग दौरा किया।
देश की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने शुक्रवार को खबर दी कि चीनी राष्ट्रपति ने सैनिकों से सीमा रक्षा के क्षेत्र में नई जमीन बनाने को कहा है। शी ने सैनिकों से देश की सीमाओं पर ‘ग्रेट वॉल ऑफ स्टील’ बनने के लिए सीमा रक्षा और नियंत्रण में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का आह्वान किया है।
2012 में सत्ता में आए शी ने अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत तिब्बत सहित विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों में नियमित रूप से सैन्य ठिकानों का दौरा किया है। 2021 में उन्होंने तिब्बत की अपनी पहली यात्रा की। वह अरुणाचल प्रदेश के करीब रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीमावर्ती शहर न्यिंगची पहुंचे थे।
शी ने पीएलए की आंतरिक मंगोलिया सैन्य कमान का दौरा किया और सीमा सैनिकों के बीच अखंडता और उच्च स्तर की एकता सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) और सरकारी विभागों, सेना, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ-साथ सीमा रक्षा में आम लोगों के बीच सहयोग को चीन की अनूठी ताकत बताया। शी ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए नई जमीन बनाने के लिए सभी पक्षों से संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया।
उन्होंने सैनिकों के प्रशिक्षण को तेज करने और युद्ध की तैयारियों को बढ़ाने और सूचना प्रौद्योगिकी-सक्षम सीमा रक्षा और नियंत्रण से संबंधित क्षमता निर्माण में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने सीमा रक्षा कर्तव्यों और सैन्य अनुशासन को मजबूत करने, सैनिकों की अच्छी व्यवस्था बनाए रखने और अधिक सीमा रक्षा पेशेवरों को बढ़ावा देने के प्रयासों का भी आह्वान किया।
शी ने देश की उत्तरी सीमा पर सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में क्षेत्र के सीमा सैनिकों की भूमिका की सराहना की। सीमा रक्षा कार्य में चीन की प्रगति की प्रशंसा करते हुए शी ने कहा कि सैनिकों के सैन्य प्रशिक्षण और युद्ध तैयारियों को बढ़ाया गया है और सेना ने सीमा सुरक्षा व सीमा से लगे क्षेत्रों में स्थिरता की मजबूती से रक्षा की है। उन्होंने कहा कि सैनिकों ने प्रभावी तरीके से चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा की है।