देहरादून। ब्रिटेन में राष्ट्रमंडल खेल प्रारंभ हो गए हैं। उत्तराखंड से इस बार पांच खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिभाग करेंगे।एथलेटिक्स में नितेंद्र सिंह रावत हॉकी में वंदना कटारिया बैडमिंटन में लक्ष्य सेन तैराकी में कुशाग्र रावत और क्रिकेट में स्नेहा राणा हिस्सा ले रहे हैं। इन खिलाड़ियों से पदक की काफी उम्मीदें हैं।
इनमें बागेश्वर के अणां गांव निवासी ओलंपियन नितेंद्र सिंह रावत 2016 में रियो ओलंपिक भी खेल चुके हैं। मुंबई मैराथन में वह तीन गोल्ड जीत चुके हैं। नीतेन्द्र ने मार्च में एजिस फ़ेडरल लाइफ इंश्योरेंस नयी दिल्ली मैराथन जीतकर राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों के लिये भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के तय मानकों को भी हासिल किया है।
भारत की झोली में थॉमस कप लाने वालों में अल्मोड़ा निवासी लक्ष्य सेन से इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल की उम्मीद है। लक्ष्य भारत में बैडमिंटन के शीर्ष के खिलाड़ियों में शामिल हैं। उन्होंने भारत के लिए कई पदक जीते हैं। लक्ष्य सेन के भाई चिराग सेन भी शटलर के शीर्ष खिलाड़ियों में शामिल हैं।
हरिद्वार निवासी भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया ने 31 जुलाई 2021 को टोक्यो में इतिहास रचा था। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में हैट्रिक लगाकर स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम दर्ज कर लिया था। वह ओलंपिक के 125 साल के इतिहास में हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। कामनवेल्थ गेम्स में उनसे पदक की उम्मीदें हैं।
चमोली जिले के कफलोड़ी गांव निवासी हुकुम सिंह रावत के बेटे कुशाग्र दिल्ली में पैदा तैराकी में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बचपन में दमे के मरीज रहे कुशाग्र के फेफड़े मजबूत करने के लिए पिता हुकुम सिंह ने इन्हें स्वीमिंग सिखाने का फैसला लिया, जो बाद में जुनून में बदल गया। कुशाग्र से पदक की उम्मीदें हैं।
पाँचवीं देहरादून के पास सिनोला गांव में किसान के परिवार में जन्मी स्नेहा के लिए क्रिकेट बचपन से जुनून था। स्नेहा भारतीय महिला क्रिकेट टीम में ऑलराउंडर हैं। वह बल्लेबाजी के साथ ऑफ ब्रेक स्पिन गेंदबाजी में भी माहिर हैं। स्नेह ने पंजाब से खेलना शुरू किया और उनका कॅरिअर आगे बढ़ता चला गया। वह पंजाब की अंडर-19 टीम की कप्तान भी रह चुकी हैं।