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Sunday, December 22, 2024

सदन में UCC पर चर्चा, गरमाया माहौल…संसदीय मंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए पढ़ी दो पक्तियां

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश किया। समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा में विधायकों ने “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए गए। दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। अब दोबारा सदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

सदन में यूसीसी पर चर्चा जारी है। संसदीय मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने यूसीसी की खूबियों पर अपनी बात रखनी शुरू की तो विपक्षी नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया है, जिस पर संसदीय मंत्री ने दो पक्तियों में विपक्ष को यह कहकर जवाब दिया…तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन, कमाल है फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।

संसदीय मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के बाद अब नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने यूसीसी को लेकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि यूसीसी पर जल्दबाजी की जा रही है। हमने इस पर समय मांगा है।  उन्होंने विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की मांग की।

मंगलवार को  उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पटल पर रखा। इस दौरान विपक्षी विधायक लगातार हंगामा करते रहे। नेता प्रतिपक्ष ने भी इस पर सवाल उठाए।

प्रदेश की धामी सरकार आज विधानसभा में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का संशोधित विधेयक भी पेश करेगी। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह तय हुआ कि सदन में सारे काम छोड़कर सिर्फ यूसीसी पर चर्चा होगी।

इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अध्यक्षता में हुई कार्यमंत्रणा बैठक में तय हुआ कि इस दौरान प्रश्नकाल और कार्यस्थगन तक नहीं होगा। यूसीसी पर चर्चा के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण पर प्रवर समिति की रिपोर्ट को पटल रखा जाएगा। इससे नाराज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया। विपक्ष की मांग की थी कि यूसीसी पर चर्चा के लिए समय दिया जाए।

यशपाल आर्य का भाजपा पर तंज

यूसीसी बिल को लेकर उत्तराखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि हम लोग इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। बल्कि हम तो चाहते हैं कि सदन संवैधानिक प्रक्रिया और नियमावली के अनुसार चले। जो उसके अनुसार चलता है। भाजपा इसकी लगातार उपेक्षा कर रही है।

 नियम विरुद्ध सदन चलाने की शिकायत

इसके साथ ही प्रश्नकाल और कार्यस्थगन की कार्यवाही की जाए। नाराज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया। शाम को कांग्रेस विधायक दल ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) से प्रदेश सरकार के नियम विरुद्ध सदन चलाने की शिकायत की।

वहीं, विधानसभा सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में छह वर्तमान और पूर्व विधायकों के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इसमें वर्तमान विधानसभा में मंगलौर से बसपा विधायक रहे शरबत करीम अंसारी, पूर्व विधायक मोहन सिंह रावत गांववासी, पूरन चंद शर्मा, कुंवर नरेंद्र सिंह, किशन सिंह तड़ागी, धनीराम सिंह नेगी को सदन में याद कर पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने संस्मरण को साझा किया।

यूसीसी पर खत्म हो रहा इंतजार : धामी
उत्तराखंड के ही नहीं, देशभर के लोग यूसीसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उत्तराखंड के लिए युगांतकारी समय है। पूरे देश की नजर हम पर है। मातृ शक्ति के उत्थान के लिए सभी दलों के सदस्य सकारात्मक रूप से चर्चा में भाग लें। सरकार जनता से किया वादा पूरा करने जा रही है। यह मौका सौभाग्य से उत्तराखंड को मिल रहा है, जिसकी देश को लंबे समय से आवश्यकता थी।  -पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

कार्यमंत्रणा की बैठक में निर्णय हुआ कि छह फरवरी को यूसीसी विधेयक और राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण पर प्रवर समिति की रिपोर्ट को पटल पर रखा जाएगा। यूसीसी पर सदन में विस्तार से चर्चा होगी। इस देखते हुए प्रश्नकाल और कार्यस्थगन नहीं होगा। यूसीसी पर हम सभी को गर्व होना चाहिए कि देश के लिए एक ऐसा कानून लाने जा रहे हैं।
-ऋतु खंडूड़ी भूषण, विधानसभा अध्यक्ष

कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन संचालन के लिए कार्यसूची तय की जाती है।प्रदेश सरकार प्रचंड बहुमत के बाद भी विपक्ष का पूरा सम्मान कर रही है। विपक्ष यूसीसी पर चर्चा नहीं चाहता है और न ही विपक्ष की मंशा है कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो। – प्रेमचंद अग्रवाल, संसदीय कार्यमंत्री

सरकार सदन चलाने में कार्य संचालन नियमावली की अवहेलना कर विशेष सत्र का रूप दे रही है। प्रश्नकाल और कार्यस्थगन न करना विधायकों के अधिकारों का हनन है। कार्यमंत्रणा में विपक्ष ने अपराह्न बाद यूसीसी विधेयक पेश कर सात फरवरी को चर्चा करने की बात रखी, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है। जिससे कार्यमंत्रणा समिति से मैंने और प्रीतम सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। -यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष।

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