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Thursday, November 21, 2024

उत्तराखंड में पहली ड्रोन नीति के निवेश से रोजगार की नई ऊंचाई मिलेगी

राज्य ने ड्रोन बनाने और ड्रोन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विशेष धनराशि भी दी है। इस ड्रोन नीति में कई विशिष्ट पहलू हैं।

उत्तराखंड में पहली ड्रोन नीति से निवेश और रोजगार की नई ऊंचाई मिलेगी। धामी सरकार ने नीति बनाकर राज्य में एक हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है, साथ ही पांच हजार रोजगार और पांच हजार ड्रोन पायलट के स्वरोजगार का लक्ष्य भी रखा है। राज्य ने ड्रोन बनाने और ड्रोन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विशेष धनराशि भी दी है।

ये ड्रोन नीति के विशिष्ट पहलू हैं

  • मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य ड्रोन समिति बनाई जाएगी। इसके सदस्यों में यूकाडा के सीईओ, आईटीडीए के निदेशक, ड्रोन इंप्लीमेंटेशन के राज्य ऑफिसर, सचिव वित्त, सचिव नियोजन, सचिव गृह शामिल होंगे। मुख्य सचिव और अन्य आवश्यक विभागों के सचिव विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।

  • 500 करोड़ ड्रोन निर्माण और ड्रोन सेवा क्षेत्र में निवेश होगा। 500 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व होगा। इससे पाँच हजार नौकरी मिलेगी। 5000 सर्टिफाइड ड्रोन पायलट तैयार हो जाएंगे।

  • ड्रोन सिस्टम डिजाइन व मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को पहले साल में लीज के किराए का 75% या 20 लाख रुपये, दूसरे साल में 50% या 15 लाख रुपये, तीसरे साल में 25% या 25 लाख रुपये

  • 10 लाख रुपये से अधिक की सब्सिडी दी जाएगी।

  • ड्रोन सर्विस से जुड़े उद्योगों को पहले वर्ष 10 लाख रुपये, दूसरे वर्ष 7.5 लाख रुपये और तीसरे वर्ष पांच लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।

  • ड्रोन से जुड़े निर्माण या सेवा क्षेत्र के स्टार्टअप को स्टार्टअप नीति के तहत 200 करोड़ के वेंचर फंड में से 15 प्रतिशत राशि दी जाएगी।

  • अधिकतम एक करोड़ रुपये के निवेश पर ड्रोन स्कूल, रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन और ड्रोन कोर्स चलाने पर पचास प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी।

  • आईटीडीए ड्रोन निर्माण और सेवा से जुड़े उद्योगों को सर्किल दरों से पचास प्रतिशत कम दरों पर जगह देगा।

  • ऐसे उद्योगों को SGST मिलेगा।

– परियोजना का डीपीआर बनाने पर सरकार पांच लाख रुपये की अधिकतम राशि देगी।

– एमएसएमई नीति के तहत हर साल कम से कम 100 करोड़ रुपये या सीधे 250 लोगों को काम मिलेगा।

यहां भी ड्रोन काम करेगा।

अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में कृषि, खनन, बुनियादी ढांचे, परिसर निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया, परिवहन, भू-स्थानिक मानचित्रण, यातायात प्रबंधन और कानून के प्रवर्तन शामिल हैं। राज्य ड्रोन का निर्माण, अनुसंधान, विकास, प्रशिक्षण, मरम्मत और रखरखाव करेगा।

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