12 C
Dehradun
Saturday, December 21, 2024

निकाय चुनाव तैयारी की मंद रफ्तार पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार का किया जवाब तलब

कोर्ट ने पूछा, निकाय चुनाव की क्या तैयारी है? दो हफ्ते में बताएं

दून वैली के अवैध निर्माण पर भी हाईकोर्ट सख्त, आदेश नहीं मानेंगे तो मुख्य सचिव होंगे तलब

निकाय चुनाव की अगली सुनवाई 1 नवंबर को

2 दिसंबर को पूरा हो रहा है निकायों का कार्यकाल

नैनीताल। निकाय चुनाव के बाबत कोई सरगर्मी नजर नहीं दिखने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो हफ्ते के अंदर चुनाव के बाबत स्थिति साफ करने को कहा है। और प्रदेश में प्रस्तावित निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार का जवाब तलब किया है। जसपुर निवासी अनीस की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पूछा कि क्यों नहीं अभी तक स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया आरम्भ नहीं की गई। जबकि पालिकाओं का कार्यकाल दो दिसंबर को खत्म हो रहा है। हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि दो हफ्ते के भीतर यह बताए कि चुनाव कराने के लिए उनकी क्या तैयारी है। अगली सुनवाई एक नवंबर को होगी।

गौरतलब है कि जसपुर के अनीस ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश के निकायों के कार्यकाल 2 दिसंबर को खत्म हो रहा है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि पालिकाओं का 5 वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने से छह माह पहले चुनावी कार्यक्रम घोषित किया जाना चाहिए। जबकि उत्तराखण्ड में पालिकाओं के कार्यकाल में दो माह ही शेष हैं और प्रदेश सरकार ने चुनाव कार्यक्रम तक घोषित नहीं किया है। गौरतलब है कि शहरी विकास विभाग इन दिनों निकायों के परिसीमन व अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की संस्तुतियों को लेकर होमवर्क में जुटा है। बहरहाल, हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार को निकाय चुनाव की बाबत अपनी तैयारियों को तेज करना होगा।

आदेश नहीं मानें तो मुख्य सचिव होंगे तलब

हाईकोर्ट ने दून वैली में बगैर मास्टर प्लान व पर्यटन प्लान के हो रहे अवैध निर्माण कार्य रोक लगाने के लिए पूर्व में जारी आदेशों का पालन करने के लिए सरकार को दो हफ्ते का और समय दिया है। कोर्ट ने कहा है यदि आदेश का पालन न हुआ तो अगली तारीख को मुख्य सचिव को कोर्ट में पेश होना होगा। गौरतलब है कि दिल्ली निवासी आकाश वशिष्ठ की याचिका पर कोर्ट ने सरकार से चार हफ्ते में पर्यटन विकास प्लान तैयार करने को कहा है। मंगलवार को कोर्ट के संज्ञान में लाया गया कि सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर उसे मंजूरी के लिए केंद्र को भेज दिया है।

इस पर कोर्ट ने प्लान प्रस्तुत करने को कहा पर इसे सुनवाई के दौरान पेश नहीं किया जा सका। कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त कर माइनिंग व ग्रेजिंग की पॉलिसी पेश करने को कहा था जिसे अब तक पेश नहीं किया गया। वहीं, माइनिंग के लिए केंद्र से मिली टूरिज्म डेवलपमेंट प्लान तैयार करने की एनओसी पेश करने के लिए कहा गया, पर इसे भी कोर्ट में पेश नहीं किया गया।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles