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Wednesday, October 16, 2024

आईआईटी रुड़की: नई शिक्षा नीति पर आधारित पाठ्यक्रम अगस्त से लागू होगा, 28 जुलाई को दीक्षांत समारोह

प्रो. केके पंत ने कहा कि वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र और तेजी से बदलते रोजगार परिदृश्य में शिक्षा का दृष्टिकोण बदलना चाहिए। एनईपी के अनुरूप संशोधित स्नातक पाठ्यक्रम छात्रों को कौशल विकास और उद्यमिता पर जोर देकर बहु-विषयक और समग्र शिक्षा देगा।

नए छात्रों को आईआईटी रुड़की में एक अगस्त से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 के अनुरूप संशोधित स्नातक पाठ्यक्रम मिलेंगे। अब संस्थान पीजी पाठ्यक्रमों में नई नीति को लागू करने के लिए भी तैयार है।

सोमवार को संस्थान के सीनेट हॉल में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने का जश्न मनाया गया था। संस्थान के निदेशक प्रो. केके पंत ने कहा कि वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र और तेजी से बदलते रोजगार परिदृश्य में शिक्षा का दृष्टिकोण बदलना आवश्यक है। एनईपी के अनुरूप संशोधित स्नातक पाठ्यक्रम छात्रों को कौशल विकास और उद्यमिता पर जोर देकर बहु-विषयक और समग्र शिक्षा देगा।

“स्टेप्स” (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, उद्यमिता, परियोजना-आधारित शिक्षा और सामाजिक जुड़ाव) पाठ्यक्रम संशोधन दृष्टिकोण का आधार हैं। इसके तहत, जहां संस्थान अपने विद्यार्थियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे नवीनतम तकनीकों में अनिवार्य पाठ्यक्रम देता है यह भी विद्यार्थियों को “भारतीय ज्ञान प्रणाली” का पाठ्यक्रम देगा। इसके अलावा, विद्यार्थियों को सामुदायिक आउटरीच पाठ्यक्रम के माध्यम से समाज से जोड़ा जाएगा। नए पाठ्यक्रम को बनाने के लिए विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ एक लंबी चर्चा व विचार-मंथन सत्र का उपयोग किया गया है।

नए पाठ्यक्रम में सभी कार्यक्रमों में विद्यार्थी भौतिकी, गणित और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के अलावा सॉफ्ट स्किल्स, टिंकरिंग और मेंटरिंग, डेटा साइंस, भारतीय ज्ञान प्रणाली, पर्यावरण विज्ञान, स्थिरता और सामुदायिक आउटरीच का अध्ययन करेंगे। उद्योग के सहयोग से छात्रों को व्यावसायिक कौशल विकसित करने की भी क्षमता मिलेगी। इसके अलावा, संस्थान ने क्रेडिट ट्रांसफर, यूजी, मास्टर्स और पीएचडी विद्यार्थियों के लिए सेमेस्टर एक्सचेंज प्रोग्राम, वैश्विक भागीदारों के साथ संयुक्त और दोहरी उपाधि कार्यक्रम भी शुरू किए हैं।

एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने बहु-विषयक दृष्टिकोण को अपनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों में अनुसंधान की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की योजनाओं पर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने एनईपी के मूल सिद्धांतों को पूरा करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने संसाधनों को एकत्र करने और शिक्षा, उद्योग और सरकार सहित विभिन्न क्षेत्रों से सहयोग करने के महत्व पर जोर दिया।

उत्तराखंड में कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्रीय निदेशक रवि चिलुकोटी ने इस मौके पर छात्रों को प्रतिस्पर्धी वातावरण में रोजगार पाने के लिए आवश्यक व्यावहारिक कौशल से लैस करने का महत्व बताया। आईआईटी रुड़की के उप निदेशक प्रो. UP Singh, डीन, विभागाध्यक्ष और फैकल्टी इस मौके पर उपस्थित रहे।

प्रेसवार्ता में बताया गया कि आईआईटी 28 जुलाई को दीक्षांत समारोह करेगा। बॉश ग्लोबल सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज के सीईओ, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक दत्तात्रि सलागामे बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। 1916 स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों को इसमें डिग्री मिलेगी। 1076 स्नातक छात्रों को समारोह में उपाधि दी जाएगी, डीन एकेडमिक प्रो. अपूर्व कुमार शर्मा ने बताया। मास्टर डिग्री में 686 विद्यार्थियों और पीएचडी में 154 विद्यार्थियों को डिग्री मिलेगी। इस अवधि में उत्कृष्ट कार्य के लिए 155 पुरस्कार दिए जाएंगे।

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