देहरादून। उत्तराखंड पुलिस की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। जानकारी के अनुसार 25 नवम्बर को देर रात विवाद में दो पक्षों का आपसी झगड़ा हो गया था, जिसमें 28 वर्षीय चमोली निवासी विपिन रावत के सिर पर गम्भीर चोटें आई थीं।
शनिवार की सुबह को महंत इंद्रेश अस्पताल में घायल विपिन रावत मौत हो गई। जिस पर परिजनों ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए हंगामा किया। पुलिस पर आरोप हैं कि पुलिस ने मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है और आरोपियों पर हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।परिजनों ने आरोप लगाया कि मामले को रफा-दफा करने की पूरी कोशिश की जा रही है। साथ ही परिजनों से समझौता करने की भी बात की जा रही है।
बहरहाल इस मामले में लापरवाही बरतने पर चौकी प्रभारी लखीबाग प्रवीण सैनी को निलंबित कर दिया है। इस मामले में आरोपी विनीत अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस मामले में चमोली के विधायक राजेंद्र भंडारी के साथ सैकड़ों लोग मौके पर पहुंचे और अस्पताल के गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू किया।
भंडारी ने पुलिस और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में पुलिस लगातार आरोपियों का ही साथ दे रही है, लेकिन पीड़ितों को किसी भी प्रकार से न्याय नहीं मिल रहा है। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी मौके पर पहुंचे और आरोपियों को सख्त सजा देने की बात कही। उत्तराखंड क्रांतिदल के नेता मुकेश कुंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड में लोग सुरक्षित नही है। राजधानी देहरादून में अपराधियों को कानून का कतई डर नही है, अपराधी समझते हैं अपराध को अंजाम देने के बाद पेसे देने से छूटने की नियत बनी हुई है। अब तक बिगड़ैल अमीरजादे यही करते आए हैं। उन्होंने चौकी इंचार्ज पर मुक़दमा दर्ज करने की बात भी कही।