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Thursday, November 21, 2024

यह धामी की कठोर रणनीति थी कि ऐतिहासिक विधेयक को पारित कर दिया जाए..। विपक्ष ने ‘मीन-मेख’ नहीं निकाला

सरकार की ऐतिहासिक यूसीसी बिल को सदन में पास कराने की रणनीति से विपक्ष बहुत नाराज़ नहीं हुआ। बुधवार को भोजनावकाश के बाद सरकार ने इसकी पुख्ता तैयारी की थी, जो स्पष्ट थी।

इसमें जहां यूसीसी को बाबा भीमराव आंबेडकर का सपना बताया गया तो वहीं सरकार ने मंत्रियों, महिला विधायकों और कांग्रेस छोड़कर भाजपा से विधायक बने सदस्यों से विपक्ष को खामोश रखने की कोशिश की। भोजनावकाश से पहले विपक्ष की बहस का नजारा खूब दिखा, लेकिन तीन बजे से छह बजे तक सदन में सत्ता पक्ष की रणनीति नजर आई।

सबसे पहले भाजपा विधायक अरविंद पांडे ने बेटियों का अपमान करने वालों को यूसीसी कानून मिट्टी में मिला देगा से शुरुआत की। इसके बाद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कानून के ऐतिहासिक पहलुओं को सामने रखते हुए शायराना अंदाज कुछ तुम बदलो कुछ हम बदलें, तब ये जमाना बदलेगा… से माहौल को आगे बढ़ाया।

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि उनके पास बहुमत है, फिर भी वह पूरी प्रक्रिया के तहत इस बिल को सदन तक लाए हैं। समय के हिसाब से इसमें संशोधन भी किए जाएंगे। इस दौरान विपक्ष ज्यादा विरोध की भूमिका में नजर नहीं आया। बिल पास होने से पूर्व कांग्रेस छोड़कर भाजपा के टिकट से विधायक उमेश शर्मा काऊ, किशोर उपाध्याय समेत कई नेताओं ने सदन में बिल की पैरवी की।

महिला विधायकों ने की वाहवाही

सरकार ने अपनी महिला विधायकों सरिता आर्य, शैलारानी रावत, रेनू बिष्ट को भी बिल के समर्थन में बोलने के लिए तैयार किया था। तीनों ने इस बिल को मातृशक्ति के लिए जरूरी करार देते हुए कानून की वकालत की। बताया, किस तरह से यह बिल महिलाओं, बेटियों के लिए ऐतिहासिक कामयाबी बन सकता है।

बाबा भीमराव आंबेडकर का सपना बताया
सत्ता पक्ष के विधायकों ने चर्चा के दौरान इस बिल को देश के पहले कानून मंत्री और संविधान का जनक कहे जाने वाले भारत रत्न बाबा भीमराव आंबेडकर का सपना बताया। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में समान नागरिक संहिता को बाबा आंबेडकर का सपना करार दिया। सरकार के इस दांव के सामने भी विपक्ष ज्यादा मीन-मेख निकालने की स्थिति में नजर नहीं आया।

…और पास हो गया विधेयक
माहौल पूरा बनने के बाद सदन के नेता पुष्कर सिंह धामी ने करीब एक घंटे तक बिल के समर्थन में अपनी बात रखी। इसके बाद बिल ध्वनिमत से पास हो गया। विपक्ष का कोई विरोध इस दौरान सामने नहीं आया।

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