महाराष्ट्र। सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मरीजों की मौत के मामले को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। इस बीच एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने बताया कि नांदेड़ जिले के एक अस्पताल में हुई मौतों के बावजूद 65 नवजात शिशु आईसीयू में भर्ती थे, लेकिन इसकी क्षमता 24 बिस्तरों की है। वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच निओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) में 11 शिशुओं की मौत हो गई थी। यहां सिर्फ 24 मरीजों को भर्ती करने की क्षमता है, लेकिन उस दौरान 65 मरीजों का इलाज किया जा रहा था।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हवाले से बताया कि 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच नांदेड़ के डॉक्टर शंकरराव चव्हाण गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 24 घंटे के भीतर 11 शिशुओं समेत 24 लोगों की मौत हुई थी। जब 11 शिशुओं की मृत्यु हुई तो एनआईसीयू में 65 मरीज भर्ती थे। जबकि इसकी क्षमता 24 मरीजों की है। डॉ. राठौड़ ने आगे बताया कि कुछ मरीजों को 30 सितंबर और 1 अक्टूबर के बीच ट्रांसफर किया गया था, लेकिन इस दौरान किसी भी मरीज को भर्ती करने से इनकार नहीं किया गया था।