देहरादून। मेयर सुनील उनियाल गामा पर आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप लगा है। आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह नेगी ने इसका खुलासा किया है। मेयर गामा पर लगे गंभीर आरोपों के बाद कांग्रेस ने भी अब मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने मेयर गामा से इस्तीफा मांगकर सरकार से जांच कराने की मांग की है।
देहरादून के मेयर सुनील उनियाल ने अपने पद का दुरूपयोग कर आय से अधिक संपत्ति जुटाने के आरोप की सफाई दी है। मेयर सुनील उनियाल गामा ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए कहा की 18 वर्ष की उम्र से काम कर रहा हूं पान की ठेली से लेकर मेयर तक का सफर तय किया है। मेयर बनने से पहले ठेकेदारी, प्रॉपर्टी आदि तमाम कार्य किए हैं। जिसमें कि मैंने अपनी संपत्ति जुटाई है और मेयर बनने के दौरान ढाई करोड रुपए अपनी संपत्ति दिखाई थी जिसमें कि कई संपत्तियां में बेच चुका हूं। जिसके एवज में मैंने कई नई संपतिया खरीदी है। इसके साथ ही सवा करोड़ का लोन भी लिया है। 2012 से संपतिया के रेट अब कई गुना बढ़ चुके हैं जिसको लेकर कि विपक्ष और सोशल एक्टिविस्ट मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि विपक्ष मुद्दा विहीन हो चुकी है जो मुझ पर आरोप लगा रहे हैं वह खुद ही कई मामलों में गफलत के घेरे में है।
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने जांच की मांग को फिर से दोहराया है और कहा कि जब तक मामले की जांच ना हो जाए तब तक मेयर गामा को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मेयर गामा ने कितनी संपत्तियों को बेचा और उसके एवज में कितनी संपत्तियां खरीदी है इसका भी खुलासा होना चाहिए। उन्होंने इस बात की आशंका जताई कि मेयर गामा जिस पार्टी से हैं उसी पार्टी की प्रदेश में सरकार है और वह अपने पद पर रहते हुए जांच को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि अभी तक मेयर सुनील उनियाल गामा पर आरोप लगे हैं लेकिन इन आरोपों की कहीं कोई जांच नहीं हो रही है।