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Wednesday, February 5, 2025

Nainital उच्च न्यायालय: अब चारधाम यात्रा में घोड़ों और खच्चरों से रात में काम नहीं लिया जाएगा।

हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में हुई अव्यवस्थाओं और घोड़ों की लगातार मौतों के मामले पर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की और सरकार और याचिकाकर्ताओं से समस्याओं को हल करने के लिए समझौता करने के लिए कहा है।

अब घोड़ों और खच्चरों से रात में चारधाम यात्रा में काम नहीं लिया जाएगा। भार उनकी क्षमता से ही लादा जाएगा। दोनों घोड़े और खच्चर एक दिन में एक बार चक्कर लगाएंगे। सरकार और याचिकाकर्ता ने यह समझौता किया है।

हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं और घोड़ों की मौतों के मामले पर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की और सरकार और याचिकाकर्ताओं से समस्याओं को हल करने के लिए समझौता करने के लिए कहा है।

मामला न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल और मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की खंडपीठ में विचाराधीन था। सामाजिक कार्यकर्ता अजय गौतम और गौरी मौलेखी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि अब तक चारधाम यात्रा में 600 घोड़ों की मौत हो गई है। इससे क्षेत्र में बीमारी फैलने का खतरा है। याचिका ने इंसानों और जानवरों की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी चिकित्सा सुविधा की मांग की।

सुविधानुसार मिली अनुमति

याचिका में यह भी कहा गया कि चारधाम यात्रा में लगातार बढ़ती हुई भीड़ से जानवरों और इंसानों के भोजन और रहने की समस्या हो रही है। कोर्ट ने कहा कि श्रद्धालुओं, घोड़ों और खच्चरों को यात्रा में कैरिंग कैपेसिटी के हिसाब से ही भेजा जाए। लोगों को खाने-पीने की सुविधा मिलने पर ही अनुमति दी जाए। जानवरों को दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। सचिव पशुपालन और जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग सहित कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान पेश हुए।

इन पर भी बनी सहमति

-प्रत्येक दिन यात्रा शुरू करने से पहले घोड़ों और खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।

-उनके लिए गर्म पानी, रहने की व्यवस्था, वेटनरी स्टाफ की व्यवस्था भी की जाएगी।

इन पर नहीं बन सकी सहमति

यात्रा में जाने वाले घोड़ों की संख्या का निर्धारण, बीमा रद्द करने और केंद्र सरकार की एसओपी आदि।

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