अंतरराज्यीय वाहन चोरी के मामले में एक आरोपी गिरफ्तार, थार बरामद
एसपी सिटी ने प्रेस वार्ता में बहादराबाद से चोरी की गई कार का खुलासा किया
48 घंटे में बहादराबाद से चोरी हुई थार गाड़ी का खुलासा करते हुए पुलिस ने अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह का एक बदमाश को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने कहा कि टीम ने पीछा करते हुए गाड़ी के टायर को पेंचर करने के बाद आरोपी को हरियाणा में गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी से गाड़ी और चोरी में इस्तेमाल आधुनिक उपकरण और सुरक्षित नंबर प्लेट बरामद किए हैं। कोर्ट में पेश करने के बाद वह जेल गया है। आरोपी के खिलाफ राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 51 चोरी, लूट और आर्म्स एक्ट के मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
रविवार को सीसीआर में पत्रकारों को बताते हुए एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि 28 जुलाई की रात अत्मलपुर बोंगला बहादराबाद निवासी मनीष कुमार की थार गाड़ी घर के बाहर से चोरी की गई थी। इस मामले में मुकदमा चलाया गया था। एसएसपी अजय सिंह ने विभिन्न टीमों को बनाया और खुलासे के लिए दूसरे राज्यों में भेजा। पुलिस ने आरोपी का पीछा करते हुए ग्राम जैदापुर पलवल, हरियाणा में सीसीटीवी फुटेज खंगाले। पलवल से करमन टोल प्लाजा की ओर जाते हुए थार ने गाड़ी को पहचाना। पुलिस ने उसका पीछा करते हुए निजी वाहन को थार के सामने लगाकर रोकने की कोशिश की। लेकिन आरोपी ने गति बढ़ा दी।
एसपी सिटी ने कहा कि उप निरीक्षक अशोक सिरस्वाल ने गाड़ी के टायर में कुछ राउंड फायर किए। स्थानीय पुलिस की मदद से घेराबंदी करके मुख्य आरोपी रतन सिंह मीना को शिवनगर कालोनी, जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया। अनिल, फरार आरोपी, की तलाश की जा रही है। चोरी के मामले में थाना प्रभारी रविंद्र शाह, एसआई अशोक सिरसवाल, हेमदत्त भारद्वाज, जगमोहन सिंह और आरक्षी राहुल देव, रणजीत सिंह और वीरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया था।
अपने साथी के साथ हरिद्वार आया

बहादराबाद थाना प्रभारी रविंद्र शाह ने बताया कि आरोपी रतन 2017 में फरार आरोपी से संपर्क में आया था। इसी महीने दोनों आरोपी जमानत पर छूटे हैं। वह कई राज्यों में चल रहे मुकदमों में व्यय के कारण पैसे की कमी से हरिद्वार आया था। 28 जुलाई की रात अपने साथी के साथ थार गाड़ी को बहादराबाद क्षेत्र में चोरी कर लिया। आरोपी अब गाड़ी को मेवात में बेचने की फिराक में थे। मुक़दमे में धारा 420, 467, 468 और 471 जोड़ दी गई हैं।
आरोपी ने पूरी तरह से लॉक सिस्टम को बदल दिया
रतन ने आरोप लगाया था कि वह अपने साथियों के साथ गाड़ी के पूरे लॉक सिस्टम को बदलकर नए लॉक सेट करने और नई चाबी की मदद से गाड़ी चोरी करता था। इसके बाद फर्जी नंबर प्लेट लगाकर राज्यों में दूसरों को बेचता था। यही नहीं, वे नए सेंसर वाले वाहनों को कोडिंग मशीन से डिकोड करके साफ्टवेयर हैक कर चोरी करते थे। पुराने गाड़ी चोरी करके दिल्ली और मेवात में कटवाते थे।
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