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Thursday, December 12, 2024

New Uttarakhand CS: राधा रतूड़ी ने पदभार संभाला, कहा-यूसीसी हमारी प्राथमिकता है, इंटरव्यू की खास बातें पढ़ें

उत्तराखंड की नवनियुक्त मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करना उनकी पहली प्राथमिकता है। उनका विचार है कि यूसीसी राज्य में लागू होने के बाद सभी बहनों को समान अधिकार मिलेगा। वह महिला मुख्य सचिव की नियुक्ति को महिला शक्ति का सम्मान बताती हैं। राज्य की लोक परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए वह बहुत अच्छी तरह से काम करते हैं।

वह कहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री धामी के विजन के अनुरूप प्रदेश का प्रशासनिक तंत्र एक टीम की तरह उत्तराखंड को देश का सर्वोच्च राज्य बनाने के लिए आगे बढ़ेगा।

यूसीसी पास कराना पहली प्राथमिकता

आप प्राथमिकतानुसार कौन-से मुद्दे उठाएंगे?

समान नागरिक संहिता को लागू करना हमारी सबसे बड़ी चिंता है। दो फरवरी को यूसीसी की विशेषज्ञ समिति मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। उसे विधेयक बनाया जाएगा। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती पांच फरवरी से आठ फरवरी तक चलने वाले विधानसभा सत्र में यह विधेयक पास करना होगा।

उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए करेंगे काम

एक टीम लीडर के तौर पर आपकी क्या भूमिका होने जा रही है?
हम उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कार्य करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी पीएम के विजन के अनुरूप आगे बढ़ रहे हैं। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि मुख्यमंत्री का मूल मंत्र है। हम इस मूल मंत्र पर एक टीम के रूप में कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप समाज के लिए अंतिम व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने का काम होगा।

मैं पत्रकार बनना चाहती थी

पत्रकार से मुख्य सचिव तक की यात्रा को कैसे देखती हैं?
– मैं पत्रकार बनना चाहती थी। जब मुंबई में पढ़ाई कर रही थीं। उसी दौरान मास कम्युनिकेशन का डिप्लोमा किया। अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस में इंटर्नशिप भी की। कुछ समय इंडिया टुडे में बतौर पत्रकार नौकरी की। समाज को बदलने में पत्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। समाज में बराबरी लाने के लिए पत्रकारिता एक माध्यम हो सकता है।

पिता की प्रेरणा से बन गई आईएएस

तो फिर आप सिविल सेवा में कैसे आ गईं?
मेरे पिता सरकारी सेवा में थे। उनकी इच्छा थी कि मैं प्रशासनिक सेवा में जाऊं। उन्होंने मुझे सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। मैंने तीन बार अखिल भारतीय सेवा की परीक्षा पास कीं। पहली बार मुझे इंडियन इंफॉर्मेशन सर्विस (आईआईएस) मिली। मैंने दिल्ली में तैनाती भी दी। इसके साथ-साथ मैंने इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) की तैयारी, जिसमें मेरा चयन हो गया। हैदराबाद में प्रशिक्षण के दौरान मैं भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में निकल गईं।

रतूड़ी जी बहुत खुश हैं

मुख्य सचिव बनने के बाद पति की क्या प्रतिक्रिया थी, इस प्रश्न के उत्तर में राधा रतूड़ी ने कहा कि वह बहुत खुश थे। साढ़े तीन साल तक वह प्रदेश में पुलिस महानिदेशक पद पर रहे हैं। मैं शासन में अधिकारी थीं। उनको इस बात की खुशी है कि उनकी पत्नी प्रशासनिक व्यवस्था के सर्वोच्च पद पर हैं।

तीन परीक्षाएं, तीनों में गोल्ड मेडल

राधा रतूड़ी प्रदेश के सबसे योग्य नौकरशाहों में से एक हैं। बॉम्बे विवि से उन्होंने इतिहास में बीए ऑनर्स, ओस्मानिया विवि हैदराबाद से लोक व्यैक्तिक प्रबंधन में एमए, और जनसंचार में डिप्लोमा कोर्स किया और तीनों परीक्षाओं में गोल्ड मेडल से सम्मानित हुईं।

तीन अखिल भारतीय सेवाएं पास कीं

पढ़ाई में विलक्षण रहीं राधा रतूड़ी ने तीन अखिल भारतीय सेवाएं पास कीं। 1986 में उन्होंने भारतीय सूचना सेवा पास की। यह सेवा नहीं सुहाई तो 1987 भारतीय पुलिस सेवा पास की। एक साल ट्रेनिंग के दौरान ही 1988 भारतीय प्रशासनिक सेवा में निकल गईं।

चुनाव प्रक्रिया का लंबा अनुभव

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को राज्य में चुनाव कराने की प्रक्रिया का लंबा अनुभव है। वह 10 वर्ष प्रदेश में मुख्य चुनाव अधिकारी के पद पर रही हैं।

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