Uttarakhand की मौसम समाचार: परिवार की आठ साल की बच्ची बच गई। पौड़ी प्रशासन और एसडीआरएफ टीमें बचाव और राहत कार्यों में लगी हुई हैं।
रविवार रात को पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के जोग्याणा गांव के निकट मूसलाधार बारिश से भूस्खलन हुआ। रवाड़ा में मलबे की चपेट में आने से नाइट पैराडाइज कैम्प क्षेत्र जमींदोज हो गया। एक कैंप में हरियाणा के पांच लोग मारे गए।
परिवार की आठ साल की बच्ची बच गई। पौड़ी प्रशासन और एसडीआरएफ टीमें बचाव और राहत कार्यों में लगी हुई हैं। देर शाम मलबे से एक शव मिला। जबकि चार अन्य लोगों की खोजबीन अभी भी जारी है।
नाइट पैराडाइज कैंप लक्ष्मणझूला से चौबीस किमी दूर जोग्याणा गांव के रवाड़ा में है। एसडीएआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि रविवार रात क्षेत्र में हुई बारिश से जोग्याणा गांव के निकट भूस्खलन हुआ। रात करीब दो बजे, रवाड़ा के नाइट पैराडाइज कैंप क्षेत्र में भूस्खलन हुआ।
कैंपों में पर्यटकों और ठहरे कर्मचारियों ने भागकर जान बचाई। लेकिन 1756 में कुरुक्षेत्र, हरियाणा के कमल वर्मा, उनकी पत्नी निशा वर्मा और उनका बेटा निशांत, मोंटी मलबे में गिर गए। आठ वर्षीय कृतिका भी उनके साथ थी।
कैंप के कर्मचारियों ने कृतिका की चीख सुनकर उसे जल्दी बाहर निकाल दिया। मलबे में दबे एक ही परिवार के चार अन्य सदस्यों में मोंटी पांचवां है। जब सूचना मिली, स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
रविवार शाम को हरियाणा का यह परिवार छुट्टी मनाने के लिए रवाड़ा में रात के पैराडाइज कैंप पहुंचा था। एसडीएआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि मोंटी का शव देर शाम बरामद किया गया है। शेष चार लोगों की खोज अभी भी जारी है।