देहरादून। बालावाला के युक्ति एनक्लेव में चल रही गौ कथा में व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए प्रसिद्ध कथा वाचक गोपाल मणि जी महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन का लक्ष्य है धर्म अर्थ काम और मोक्ष की प्राप्ति लेकिन इन सबकी प्राप्ति इस कलियुग में सहज रूप से केवल गौ से ही सम्भव है गाय के पास क्या नही है सब कुछ है लेकिन यह तभी सम्भव होगा जब गौ को सम्मान मिलेगा इसीलिए गौ को कामधेनु कहा गया है अर्थात समस्त कामनाओं पूर्ति करने वाली केवल और केवल गौमाता है । आगे प्रसंग में मणि महाराज जी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में गौ की अनन्त महिमा बताई गई है। सनातन धर्म में जितने भी सत्कर्म है वह सभी बिना गाय के नही हो सकते हैं प्रत्येक सत्कर्म की साक्षी गौ है। भारत और गाय दोनों एक दूसरे के पूरक है इसीलिए भारत को माता कहा गया है गौमाता ही भारत माता है। महाभारत का प्रसंग सुनाते मणि जी ने कहा कि जहां गाय है वही भारत है जहां गायों का सम्मान है वही असली गाय है। पूज्य महाराज जी ने कहा कि आजकल पवित नवरात्र चल रहे है 2 बार नवरात्रि आती यही आश्विन ओर चैत्र ओर दोनों समय प्रकृति अपना रंग बदलती है दोनों समय प्रकृति में परिवर्तन होता है महाराज जी ने कहा कि हम चाहे तो इन दिनों में हमारे जीवन मे भी परिवर्तन हो सकता है दुर्गम को सुगम करने के दिन है पवित्र नवरात्रि।
इस अवसर पर गंगोत्री रावल अंशुमान सेमवाल,उत्तरकाशी से आचार्य शिव प्रसाद सेमवाल,कथा की संयोजिका श्रीमती विमला दीवान सिंह रावत,ललित जोशी,शम्भू प्रसाद ईस्टवाल, रामप्यारी ईस्टवाल,डॉ राम भूषण बिजल्वाण,आचार्य सूरतराम डंगवाल,अजयपाल रावत,यशवंत सिंह रावत, आनन्द सिंह नेगी,माहेश्वरी जोशी,भवनेश्वरी नेगी रोशनी उनियाल,एम पी उनियाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे हैं।