कांग्रेस पार्टी के ऊपर भले परिवारवाद के आरोप लगें लेकिन वह नेताओं के बेटे, भतीजों, भाइयों आदि को टिकट देने में नहीं हिचकती है। हर चुनाव में कांग्रेस के कुछ पुराने नेता अपनी सीट छोड़ रहे हैं और अपने बच्चों को आगे कर रहे हैं। कुछ नेता तो खुद भी चुनाव लड़ रहे हैं और परिवार के सदस्यों के लिए भी टिकट ले रहे हैं। कांग्रेस ने अभी तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए 229 उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसमें कई सीटों पर पार्टी के पुराने नेताओं ने अपनी दावेदारी छोड़ दी और उनकी जगह उनके बेटों को टिकट दी गई। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा को दंतेवाड़ा से टिकट दी गई है। महेंद्र कर्मा की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। उसके बाद उनकी पत्नी देवती कर्मा चुनाव लड़ी थीं लेकिन इस बार उनकी जगह उनके बेटे छविंद्र को टिकट दी गई है।
इसी तरह मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया की जगह उनके बेटे विक्रांत भूरिया को झाबुआ सीट से कांग्रेस ने टिकट दी है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ सांसद हैं, जबकि कई चुनाव पहले ही दिग्विजय सिंह की सीट से उनके बेटे जयवर्धन चुनाव लड़ते हैं। दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी चुनाव लड़ रहे हैं और भतीजे प्रियव्रत सिंह को भी टिकट मिली है। उधर तेलंगाना में पार्टी के सांसद एन उत्तम कुमार रेड्डी चुनाव लड़ रहे हैं और उनके साथ ही उनकी पत्नी पद्मावती रेड्डी भी विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस भी बड़े नेताओं को चुनाव लड़ा कर ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत सुनिश्चित करना चाहती है। इसी रणनीति के तहत भाजपा भी मजबूत उम्मीदवारों को उतार रही है।