समान नागरिक संहिता में एक प्रावधान शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन भी बताया जा रहा है। इस प्रावधान पर कानून के जानकारों का मानना है कि इससे दंपती को कई तरह के लाभ मिलेंगे। इससे विवाहों में होने वाले फर्जीवाड़े पर भी लगाम लग सकेगा। इसके साथ ही भविष्य में विवाद की संभावनाएं कम होंगी तो सरकारी योजनाओं का भी निर्विवाद रूप से लाभ मिल सकेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण सक्सेना ने बताया, शादी का रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था लंबे समय से है। इससे सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें भविष्य में होने वाले दंपती के बीच विवाद नहीं होंगे। शादी हर तरफ मान्य होगी। इसके साथ ही भविष्य में होने वाले उत्तराधिकारी के विवाद का भी एक तरह से यह समाधान ही होता है।